महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने राज्यों में मुर्गीपालन व्यवसाय में चूजों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं पर रोक लगाने के आदेश जारी

Posted on by PETA

मुर्गीपालन व्यवसाय में नर चूजे अंडे नहीं दे सकते इसलिए इन अवांछित चूजों की क्रूर एवं गैरकानूनी हत्याओं के सिलसिले में PETA इंडिया द्वारा महाराष्ट्र पशुपालन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त डॉ.  धनंजय पारकले तथा उत्तर प्रदेश के पशु पालन निदेशक श्री यूपी सिंह जी को भेजे गए पत्र के बाद डॉ.  धनंजय पारकले ने तत्काल कार्यवाही करते हुए राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और जिले की सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स को एक आदेश जारी कर मुर्गी पालन केन्द्रों में अंडा न देने वाले नर चूजों की बेरहम हत्याओं पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं तथा उत्तर प्रदेश में यूपी सिंह जी ने समस्त जिला मुख्य पशु चिकित्सकों को आदेश जारी कर इस क्रूरता के खिलाफ कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं।

महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिकारियों को जारी किया गया यह आदेश राज्य के मुर्गी पालन केन्द्रों द्वारा गैर कानूनी तरीके से की जाने वाली चूजों की हत्या पर रोक लगाना व इनकी बजाए पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI) द्वारा अनुशंसित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए जो द प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स (PCA) अधिनियम, 1960, का उलंघन नहीं करता। अंडा उद्योग में आमतौर पर, अवांछित नर चूजों को, और अन्य कमजोर चूजों को, पीसकर, कुचलकर, जलाकर, डुबाकर मारा जाता है या कभी उन्हें मछलियों का भोजन बना दिया जाता है ।

PETA इंडिया ने राज्य सरकारों को लिखे अपने पत्र में बताया था की कि अवांछित चूजों को मारने के सामान्य क्रूर तरीके जाहिर तौर पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) (L) का उलंघन करते हैं। PETA समूह ने अनुरोध किया है कि राज्य के मुर्गी पालन केन्द्रों को AWBI, लॉ कमीशन ऑफ इंडिया व विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित नाइट्रोजन और अक्रिय गैसों का उपयोग किया जाना चाहिए और साथ ही, सरकार को चाहिए कि, अंडा उद्योग, OVO  सेक्स-निर्धारण तकनीक जब भी उपलब्ध होगी तब उस तकनीक का उपयोग करे। यह नई तकनीक है, जो विदेशों में विकसित की गई और जल्द ही व्यावसायिक रूप से यहाँ भी उपलब्ध होगी, इस तकनीक के माध्यम से शुरुआती चरण में ही नर भ्रूण की जाँच के जा सकेगी व जन्मे हुए चूजों की क्रूर मौत न हो इस हेतु निर्णय लिया जा सकेगा।

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा जारी बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2019  की रिपोर्ट के अनुसार अंडा उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है की जब भी लिंग निर्धारण हेतु OYO तकनीक उपलब्ध हो उसे तत्काल रूप से यहाँ लागू किया जाये।

फ्रांस, स्विटजरलैंड और जर्मनी इन देशों ने लिंग निर्धारण तकनीक हेतु  € 5 मिलियन का निवेश किया है। इन सभी देशों ने जीवित नर चूजों की क्रूर हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो आमतौर पर उन देशों में प्रचलित है। स्विस संसद ने माना है कि “नर चूजे अंडे नहीं दे सकते सिर्फ इसलिए उनकी हत्या कर देना, हर किसी के लिए हैरानी की बात है। केवल अंडों या मांस के लिए प्रजनन करने की यह प्रवृत्ति पशु को उत्पादन की एक वस्तु में बदल देती है और जीवित नर चूजों को पीसकर मरने जैसी बेतुकी गतिविधियों की ओर ले जाती है, जो की मानवीय सोच के खिलाफ है।

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