खुशखबरी! PETA इंडिया के अभियान के बाद, मध्य प्रदेश कोर्ट ने भारत की सबसे दुर्बल हथिनी लक्ष्मी के पुनर्वास के आदेश दिये

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PETA इंडिया के तीन सप्ताह के गहन अभियान के बाद, छतरपुर मे बड़ा मलहरा अदालत ने आज लक्ष्मी हथिनी जिसे भारत की सबसे दुर्बल हथिनी के नाम से भी जाना जाता है, को “वन्यजीव SOS के हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र” (Wildlife SOS Elephant Conservation and Care Centre (ECCC) मथुरा में पुनर्वास हेतु भेजे जाने के आदेश जारी किए हैं। PETA इंडिया और स्थानीय स्वयं सेवकों के प्रयासों से मध्य प्रदेश वन विभाग ने उसे जब्त कर लिया था, जिसके उपरांत PETA इंडिया के पशु चिकित्सकों द्वारा उसकी उचित देखभाल की जा रही थी। यह सब मध्य प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन के निर्देशानुसार था।

जब लक्ष्मी को भीख मांगने के काम से बचाया गया तो वह पुरानी गठिया और जोड़ों की विकृति से पीड़ित थी, उसके कूल्हों पर फोड़े हो चुके थे। लंबे समय तक भोजन और पानी के कमी के कारण बहुत कमजोर हो चुकी थी और दर्द से कराह रही थी।

वन विभाग ने लक्ष्मी के संरक्षक के खिलाफ “वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 42 के तहत उसे अवैध रूप से रखने व भीख मँगवाने के लिए उसका शोषण करने के जुर्म में प्रारम्भिक अपराध रिपोर्ट दर्ज की थी। PETA इंडिया और स्थानीय कार्यकर्ताओं की शिकायतों के बाद, वन विभाग ने दिसंबर के दूसरे सप्ताह में लक्ष्मी को अपने संरक्षण में ले लिया था। PETA इंडिया की सुनवाई पर भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट एलीफेंट डिवीजन ने वन विभाग को लक्ष्मी के पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा था। अदालत ने वन्यजीव SOS की Elephant Conservation and Care Centre में उसकी देखभाल हेतु भेजने का निर्देश जारी किया।

PETA इंडिया के तहत लक्ष्मी की अंतरिम देखभाल के दौरान, PETA समूह के पशु चिकित्सा दल ने उसके गठिया और पैरों में दर्द को कम करने के लिए एक रेत का गड्ढा बनाया, वह पर्याप्त आराम कर सके और चैन से सो सके इस हेतु उसके लिए मिट्टी का ढेर बनाया, वह अपना सिर और सूंड का भार अच्छे से रख सके उसके लिए बांस का एक स्टैंड भी बनाया, रात में ठंड के मौसम से बचाने के लिए उसके लिए कंबल का जैकेट नुमा बनवाकर पहनाया और उसका रक्त प्रवाह सही रहे इसके लिए उसकी प्रतिदिन नियमित रूप से ग्रूमिंग व मालिश भी की गयी। उसके दर्दनाक फोड़े और अन्य घावों के लिए उसे दैनिक स्नान और उपचार दिया जाता था, उसके जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए दवाएं दी जाती थीं, और उसके पैरों और नाखूनों को नियमित रूप से साफ और मॉइस्चराइज किया जाता था। PETA  इंडिया ने उसे फलाहार भी करवाया।

 

हम उन सभी का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने लक्ष्मी की पीड़ा समाप्त कराने हेतु पिटिशन पर हस्ताक्षर किए थे।

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