बकरीद के मद्देनज़र PETA इंडिया की याचिका पर मिज़ोरम पुलिस द्वारा पशुओं की अवैध कुर्बानी के खिलाफ सख्ती के आदेश

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PETA इंडिया ने मिज़ोरम राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर आग्रह किया था कि राज्य में जानवरों से संबन्धित किसी भी तरह के गैरकानूनी हत्याओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएँ जाएँ, खासकर बकरीद के मद्देनजर क्यूंकि इस दौरान भारी मात्रा में अवैध तरीकों से कुर्बानी अदा की जाती है। इस याचिका के संबंध में मिज़ोरम पुलिस के मुख्य कार्यालय ने एक आदेश जारी कर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया है राज्य में पशुओं की कुर्बानी एवं परिवहन के संबंध में राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा पारित क़ानूनों एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का सख़्ती से पालन किया जाए। इस संबंध में दिनांक 18 जून को भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने भी राज्यों को एक अधिसूचना जारी की थी।

हमने अपने पत्र में उल्लेख किया था सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया था जिसमे “सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जानवरों की कुर्बानी एवं हत्याओं के 2 मामलों पर सुनवाई के दौरान सुनाये गए फैंसलों में कहा है की जानवरों को केवल आधिकारिक तौर पर लाईसेंस प्राप्त कत्लखानों में ही कुर्बानी दी जानी चाहिए जहां पशुओं को बेहोश करने की पर्याप्त सुविधा हो और नगर पालिका अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा की इस निर्णय का पालन हो।“ केंद्र सरकार द्वारा पारित कानून के तहत पशुओं की कुर्बानी केवल लाइसेन्स प्राप्त कत्लखानों में ही दिये जाने का प्रावधान है जहां जानवरों को बेहोश करने की सुविधा हो। हमारे यहाँ ऊंट की कुर्बानी दिये जाने पर प्रतिबंध है लेकिन फिर भी ईद के दौरान ऊंट की कुर्बानी देने का चलन है व ईद के दौरान जानवरों के परिवहन के संबंध में भी क़ानूनों का धड़ल्ले से उलंघन होता है।

हर वर्ष बकरीद (जो इस वर्ष 31 जुलाई एवं 1 अगस्त को है) जैसे त्योहारों पर बकरों, भैंसों, ऊंटों व अन्य जानवरों की गैरकानूनी तरीकों से हत्या कर दी जाती है।

इन त्योहारों के दौरान, गैर कानूनी तरीको को इस्तेमाल करते हुए, परिवहन के लिए अनेकों जानवरों को एक ट्रक में ठूस-ठूस कर भरा जाता है जिससे रास्ते में ही उनका दम घुट जाता है व हड्डियाँ टूट जाती हैं।कत्लखानों की तरफ बढ़ते रहने के लिए उनको लगातार मारा जाता है व झटक झटक कर उनकी पुंछ तोड़ दी जाती है, गैर प्रशिक्षित कसाइयों के द्वारा इन्सानों के डरे सहमे छोटे बच्चों के सामने, जो इन जानवरों को दुख नहीं पहुंचाना चाहते, इन जानवरों को तेज़ धारदार चाकू से आधा गला काटकर तड़फ तड़फ कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।

हर धर्म और मजहब दया एवं करुणा का संदेश देता है व जानवरों की हत्या करने व उनका मांस खाने की कोई जरूरत भी नहीं है। जानवर को उल्टा लटका कर बेदर्दी से उसकी हत्या करना बेहद क्रूर है। हम मिज़ोरम पुलिस के इस आदेश की सराहना करते है जिससे अवैध रूप से मौतों का शिकार होने वाले हजारो जानवरों की जन बच सकेगी।

जानवरों की अवैध हत्याओं को रुकवाने में आप क्या मदद कर सकते हैं, यहाँ जानिए।

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