PETA इंडिया की शिकायत के बाद क्रूरता और अवमानना के मामले में रैम्बो सर्कस के खिलाफ FIR दर्ज की गयी

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PETA इंडिया की स्थानीय स्वयं सेवक एडवोकेट रिद्धि पटेल के माध्यम से यह शिकायत मिलने के बाद कि, रेम्बो सर्कस के मालिक द्वारा गैर पंजीकृत मछली का प्रदर्शन करने और भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (AWBI) के अनुमोदन के बिना कुत्तों से जबरन अवैध करतब करवाने हेतु उपयोग किया जा रहा है, पुणे पुलिस द्वारा FIR दर्ज की गयी। AWBI पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 के तहत निर्धारित प्राधिकरण है, जो देश में प्रदर्शनों के लिए जानवरों के उपयोग को नियंत्रित करता है। PETA इंडिया द्वारा पुलिस को शिकायत के साथ-साथ दिनांक 26 दिसंबर 2021 को सर्कस में की गई एक जांच की रिपोर्ट भी सौंपी गई जिसमें कानूनी उल्लंघन और जानवरों के प्रति क्रूरता के सबूत हैं।

मुंडवा पुलिस स्टेशन में यह FIR PCA अधिनियम की धारा 3 और 11 (1) (ए) के तहत जानवरों को अनावश्यक दर्द और पीड़ा देने, और PCA अधिनियम की धारा 26 और 38 के तहत, गैर पंजीकृत जानवरों का उपयोग करने एवं गैर पंजीकृत करतब करवाने के लिए मजबूर करने के खिलाफ़ दर्ज़ कराई गई है। FIR में दर्शक दीर्घा में कुत्ते को घुमाकर लापरवाही बरतने के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 289 को भी शामिल किया गया है।

 

AWBI द्वारा दिनांक 14 अप्रैल 2021 को PCA अधिनियम, 1960 के तहत अधिसूचित “प्रदर्शनकारी पशु (पंजीकरण) नियम, 2001” के तहत रैम्बो सर्कस को जारी किए गए परफॉर्मिंग एनिमल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (PARC) के अनुसार, 10 कुत्तों को प्रदर्शन के लिए पंजीकृत किया गया था और सात कुत्तों को काम से हटाने के आदेश दिया गया था। लेकिन PETA इंडिया के जांचकर्ता ने पाया कि सर्कस प्रदर्शन के लिए सात कुत्तों और दो गैर पंजीकृत मछलियों का उपयोग कर रहा है। जांचकर्ता ने जो तस्वीरे ली उनमे इन कुत्तों को एक आदमी द्वारा पकड़े गए झंडे के ऊपर से कूदते हुए, स्टूल पर बैठकर अपने पैरों को ऊपर उठाते हुए, और टोपी पहनने जैसे करतब करते देखा जा  सकता है जबकि यह समस्त गतिविधियां PARC के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं। इसके अलावा, दो मछलियों को कलाकार द्वारा पानी के साथ निगलते हुए की भी तस्वीरे ली गयी हैं । कलाकार मछली को पानी से बाहर निकाल कर अपने मुंह में दांतों के बीच दबाकर रखता है, उन्हें जिंदा निगल जाने जैसा करतब दिखाता है और फिर उन्हें पानी से भरे जार में वापिस थूक देता है।

 

रैम्बो सर्कस के खिलाफ एक और मामला पिंपरी शहर की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में वर्ष 2016 से लंबित है। पुणे पुलिस ने यह केस AWBI द्वारा कानूनी उल्लंघन, क्रूरता, लापरवाही और पशुओं के साथ किए जाने वाले शोषण के संबंध में की गयी शिकायत के बाद दर्ज़ किया था।

AWBI की जांच में सामने आया की सर्कस में जब शो नहीं होते तो सर्कस के पशुओं को जंजीरों में बांधकर छोटे पिंजरों या गाड़ियों में कैद करके रखा जाता है। उन्हें अनुशासित रखने के लिए डंडे एवं नुकीले औज़ार उपयोग किए जाते हैं। हैंडलर हाथियों को लोहे एवं स्टील के बाले नोकदार अंकुश चुभोकर डराकर व भयभीत करके रखते हैं। जानवर बिना किसी सज़ा के डर से स्वयं अपनी इच्छा से कभी भी सिर के भार उल्टे खड़े होने या जलती आग के गोले से निकलने वाले करतब नहीं करते।

 

सर्कसों में पशुओं के प्रयोग को समाप्त करने के लिए मदद करें