दिल्ली पुलिस ने चूहे को गर्म पानी में झुलसाकर मारने के आरोप में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की

Posted on by Erika Goyal

चूहे को बेरहमी से मारने की घटना का एक वीडियो सामने आने के बाद, जिनमें दिखाया गया है कि दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कथित तौर पर एक चूहे को पहले एक छोटे प्लास्टिक के डिब्बे में बंद किया और फिर उसके ऊपर उबलता हुआ पानी डाल दिया, जिसके चलते गर्मी से झुलस जाने और अन्य चोटों के कारण उस नन्हें चूहे ने दम तोड़ दिया, PETA इंडिया ने शाहबाद डेयरी पुलिस स्टेशन में इस घटना की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद, भारतीय दंड संहिता, 1860, (आईपीसी) की धारा 429 व 34 और पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 की धारा 11 (1) के तहत उन छात्रों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है जिन्होंने चूहे की मौत का मजाक बनाते हुए उसके अंतिम संस्कार का आयोजन भी किया। यह परेशान करने वाली घटना उस समय PETA इंडिया के संज्ञान में आई जब एक जागरूक कार्यकर्ता ने इस घटना का वीडिओ अपने X (पूर्व में ट्विटर) सोशल मीडिया पर अपलोड किया।

PETA इंडिया यह भी सिफारिश करता है कि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों की मनोचिकित्सकीय जांच होनी चाहिए और उन्हें परामर्श दिया जाना चाहिए, क्योंकि पशुओं के साथ दुर्व्यवहार गहरी मनोवैज्ञानिक समस्या का संकेत देता है। खोज से पता चलता है कि जो लोग पशुओं के प्रति क्रूरता करते हैं, वे अक्सर अन्य बड़े अपराध भी करते हैं जो मनुष्यों सहित अन्य पशुओं को भी अपना शिकार बनाते हैं। उदाहरण के लिए, केरल की एक कानून छात्रा के साथ बलात्कार और हत्या के दोषी अमीरुल इस्लाम का कुत्तों और बकरियों के साथ बलात्कार और हत्या करने का इतिहास रहा है। जर्नल ऑफ इमोशनल एब्यूज में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 71% प्रताड़ित महिलाएं जिनके पास साथी पशु थे, उन्होंने पुष्टि की कि उनके पार्टनर ने  पशुओं को डराया, धमकाया, घायल किया था या मार डाला था।

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (PCA), 1960 के तहत दंड व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। इस कानून के तहत पुराने दंड शामिल हैं जो आज के समय के अनुसार बेहद कमजोर व अप्रासंगिक हैं जैसे कि पशुओं पर क्रूरता का पहली बार दोषी पाए जाने पर अधिक से अधिक महज़ 50 रुपये का जुर्माना। (हालाँकि आईपीसी के तहत कड़ी सज़ा का प्रावधान करता है)। पीसीए अधिनियम में संशोधन के संबंध में केंद्र सरकार को भेजे गए एक प्रस्ताव में, PETA इंडिया ने जानवरों के प्रति क्रूरता के लिए दंड में उल्लेखनीय वृद्धि करने की सिफारिश की है।

पशुओं पर क्रूरता देखना एक परेशान करने वाला अनुभव है, लेकिन स्थिति को ठीक से संभालने का तरीका जानने से किसी एक पशु का जीवन बचाया जा सकता है और दुर्व्यवहार करने वाले को अन्य पीड़ितों को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सकता है। यदि आप किसी को किसी पशु के साथ दुर्व्यवहार करते हुए देखें तो इन नौ सुझावों पर ध्यान दें-:

जब भी किसी पशु पर क्रूरता होते देखें तो यह कार्यवाही करें

पशुओं पर क्रूरता करने वालों के खिलाफ कठोर दंड की मांग करें