महाराष्ट्र विधायक का केकड़े के साथ दुर्व्यवहार; PETA इंडिया ने कार्रवाई की मांग करी

Posted on by Erika Goyal

महाराष्ट्र नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के विधायक रोहित पवार द्वारा हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधन के दौरान एक बंधे केकड़े को लटकाकर दिखाने के जवाब में, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य श्री शरदचंद्र गोविंद पवार एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती मीनल कालस्कर को पत्र भेजा है। अपने पत्र में, समूह द्वारा उल्लेखित किया गया है कि किसी भी जीव जन्तु के साथ इस प्रकार का क्रूरतापूर्ण व्यवहार पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का स्पष्ट उल्लंघन होने के साथ-साथ महाराष्ट्र मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट; मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा 24 मार्च 2014 को जारी एक आदेश जिसमें चुनाव प्रचार के लिए जानवरों के उपयोग पर रोक लगाई गई है; भारतीय निर्वाचन आयोग के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट से संबंधित मेनुयल; और 19 सितंबर 2012 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एक पत्र का भी उल्लंघन है। समूह ने विधायक रोहित पवार को भी पत्र लिखकर उनसे इस केकड़े को PETA इंडिया को सौंपने का आग्रह किया है जिससे इसकी पशुचिकित्सकीय जांच एवं पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

 

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PETA इंडिया के प्रयासों के परिणामस्वरूप भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा राजनीतिक अभियानों हेतु पशुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। PETA इंडिया ने ECI को सलाह दी थी कि चुनाव अभियानों और राजनीतिक रैलियों के दौरान, पशुओं को अक्सर मारा-पीटा जाता है, उन पर कोड़े एवं लात-घूसों से वार किया जाता हैं और उन्हें सड़कों पर घुमाते समय डरा-धमकाकर चिल्लाने वाली भीड़ में धकेल दिया जाता है, जिससे दर्शकों में धक्का-मुक्की होती है। उन्हें अक्सर अपनी क्षमता से अधिक सामान उठाने के लिए मजबूर किया जाता है, पर्याप्त भोजन-पानी की सुविधा से वंचित रखते हुए और गंभीर ख़तरों का सामना करने हेतु जबरन बाध्य किया जाता है।

ECI ने पहली बार वर्ष 2012 में PETA इंडिया की अपील के जवाब में एक सलाह जारी करके सभी राजनीतिक दलों को राजनीतिक अभियानों में जानवरों का उपयोग न करने का निर्देश दिया था। वर्ष 2013 में जारी एक अधिसूचना में, महाराष्ट्र राज्यकीय चुनाव आयोग ने चुनाव अभियानों के दौरान गधों, बैल, हाथियों और गायों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था और अधिकारियों को पशु संरक्षण कानूनों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

जब भी जानवरों पर क्रूरता होते हुए देखें तो निम्नलिखित 9 बातों का ध्यान रखें