पशुओं की बलि/कुर्बानी दिये जाने के संबन्ध में आप क्या कर सकते हैं?

पशु बलि/कुर्बानी में क्या गलत है?

सभी घर्म दया और करूणा का सन्देश देते हैं। कोई भी धर्म नही चाहता है कि जानवरों को मारा जाये या भोजन बनाया जाये। जानवरों को लटका देना और धारदार हथियार से मौत के घाट उतार देना अत्याचार के सिवा और कुछ भी नही।

पशु बलि देना किसी के लिये भी ठीक नही है। यह बच्चों में जानवरों के प्रति संवेदनशीलता को समाप्त करता है व उनमें हिंसा की प्रवति को बढ़ावा देता है।

कानून व अदालत क्या कहते हैं?

एक पुराना प्रावधान, पशु क्रूरता निवारण (PCA) अधिनियम, 1960 की धारा 28, किसी भी जानवर को धार्मिक आयोजनों हेतु किसी भी तरीके से मारने की अनुमति देती है। हालाँकि, गुजरात, केरल, पुडुचेरी और राजस्थान सहित कई राज्यों में पहले से ही ऐसे कानून हैं जो किसी भी मंदिर या उसके परिसर में किसी भी जानवर के धार्मिक बलिदान पर रोक लगाते हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य भी सार्वजनिक धार्मिक पूजा या आराधना के किसी भी स्थान या उसके परिसर में या सार्वजनिक सड़क पर धार्मिक पूजा से जुड़े किसी भी मण्डली या जुलूस में पशु बलि/कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाते हैं।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल 2017 के एक आदेश में निर्देश दिया कि जानवरों को केवल कानून के अनुसार स्थापित क्षेत्र में ही मारा जा सकता है और नगरपालिका प्राधिकरण को अनुपालन सुनिश्चित करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2017 के आदेश के माध्यम से निर्देश किया कि पशु परिवहन और हत्या पर भारत सरकार के अधिनियमों और नियमों के सार-संग्रह (जो पशु संरक्षण अधिनियमों और नियमों पर आधारित है) का पालन किए बिना जानवरों को मारना एक दंडनीय अपराध है।

कृपया पालन किए जाने वाले नियमों के बारे में “भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड (AWBI) द्वारा वर्ष 2023 में राष्ट्रव्यापी पर जारी किया गया यह परिपत्र देखें।

पशु बलि देने की बजाय और क्या किया जा सकता है?
धार्मिक छुट्टियों को अहिंसक तरीकों तथा दयालू कार्य करके मनाया जाए। आप गरीबों में शुद्ध शाकाहारी भोजन वितरित कर सकते हैं, किसी अनाथालय में कपडे़ व खिलौने भेज सकते हैं, किसी पशु ग्रह में जाकर स्वयंसेवा कर सकते हैं या फिर अपने घर के आसपास जानवरों के पीने के लिये साफ पानी भरकर बाहर रख सकते हैं।

पशु बलि को रोकने के लिये क्या किया जा सकता है?
यदि आपको पता चलता है कि कंही पर पशु की बलि दी जाने वाली है तो आप उन लोगों से बात करें कि यदि वो इसको अंजाम देते हैं तो यह कानून का उलंघन है व इसके लिए जटिल कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है। कोशिश करें की वो इस त्यौहार को पशुओं के अनुकूल तरीकों से मनाने के लिए राज़ी हो।

यदि आप जानवरों की किसी क्रूर या अवैध बलि को देखते हैं, तो कृपया पुलिस को हेल्पलाइन नंबर (100/112) या निकटतम पुलिस स्टेशन पर रिपोर्ट करें या स्थानीय पशु क्रूरता रोकथाम समिति (SPCA) या फिर मदद के लिए पशु सुरक्षा समूह को कॉल करें।

अवैध बलि/कुर्बानी के संबंध में क्या किया जा सकता है?

यदि किसी कानून का उल्लंघन किया जा रहा है, तो प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक औपचारिक शिकायत दर्ज करें। (पुलिस को कानूनी रूप से आपकी शिकायत लेनी होगी और आपको इसकी पावती देनी होगी।) जहां पशु बलि/कुर्बानी दी गयी है आप वहाँ के पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपायुक्त (शहरों में), जिला कलेक्टर, राज्य पशु कल्याण बोर्ड, AWBI, और उस क्षेत्र के स्थानीय नागरिक निकाय के नगर निगम आयुक्त/मुख्य अधिकारी से भी शिकायत कर सकते हैं।

विचार करने योग्य अन्य कार्रवाइयां :

  • यदि संभव हो, तो Google Play स्टोर पर निःशुल्क उपलब्ध “टाइमस्टैम्प कैमरा” ऐप का उपयोग करके उस अवैध बलिदान की तस्वीरें और वीडियो लें जिसे आप देख रहे हैं। यह महत्वपूर्ण साक्ष्य होगा, क्योंकि यह अवैध रूप से दी जा रही बलि/कुर्बानी के के स्थान, तिथि और समय को प्रदर्शित करने में मदद करेगा।
  • अपनी शिकायत के साथ फोटोग्राफिक और वीडियो साक्ष्य एक पेन ड्राइव में पुलिस और अन्य अधिकारियों को जमा करें।
  • PCA अधिनियम, 1960 से पशु बलि की अनुमति देने वाले प्रावधान धारा 28 को हटाने के लिए केंद्र सरकार से अपील।