PETA इंडिया प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करता है कि COVID-19 एवं अन्य बीमारियों के लिए गैर पशु चिकित्सा में निवेश करें

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2 June 2020

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PETA समूह मोदी जी से अनुरोध किया है कि चिकित्सा हेतु मानव अनुकूल तकनीक को अपनाया जाए व इस हेतु पशुओं के इस्तेमाल को समाप्त किया जाए।

नयी दिल्ली : सरकार द्वारा COVID 19 के उपचार की योजनाओं हेतु किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि इस तरह की बीमारी से लड़ने हेतु पशु आधारित चिकित्सा की बजाए मानव अनुकूल तकनीकों में निवेश को प्राथमिक्ता दें।

अपने पत्र में PETA इंडिया ने मोदी सरकार की सराहना भी की है क्यूंकि उन्होने COVID-19 के उपचार एवं इलाज़ की खोज हेतु पशुओं पर महंगे, समय लेने वाले तथा अप्रभावी परीक्षणों से बचने की सलाह दी थी। PETA इंडिया ने उनसे अनुरोध भी किया है कि इस हेतु केवल आधुनिक एवं गैर पशु वैज्ञानिक तकनीकों में निवेश करें तथा चिकित्सीय खोज के नियम एवं नीतियों में परिवर्तन करते हुए गैर पशु प्रयुक्त, मानव आधारित एवं मानव अनुकूल तकनीकों को अपनाये जाने पर विचार करें। PETA समूह ने भारत में अनुसंधान एवं परीक्षण के आधुनिकीकरण के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं की एक विस्तृत कार्य योजना भी पेश की है।

PETA इंडिया ने मानव आधारित चिकित्सीय उपचारों जैसे कि convalescent plasma (CP) तथा Phage डिस्प्ले जैसी तकनीकों के उपयोग को भी महत्वपूर्ण बताया है। Phage डिस्प्ले एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा COVID-19 के मरीजों के इलाज हेतु एंटीबॉडी तत्वों के विकास के लिए पशुओं का इस्तेमाल किए बिना अन्य इन्सानों से (स्वयं सेवकों) convalescent plasma (CP) की निरंतर अवश्यकता की भरपाई की जा सकती है।

समूह ने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि यह महामारी हमें एक बेहतर अवसर प्रदान कर रही है कि हम चिकित्सा के बेहतर मानक एवं परीक्षण स्थापित करें क्यूंकि भारत सहित विश्वभर की नियामक एवं परीक्षण संस्थाएं अब यह मान रही है कि इन्सानों के लिए जीवन रक्षक दवाओं का निर्माण करने हेतु मानव नैदानिक परीक्षणों की बजाए पशुओं पर परीक्षण करना भ्रामक परिणाम देता है व दवा की सटीकता जाँचने में वह एक बाधा है।

PETA इंडिया की साइंस पॉलिसी एडवाईजर डॉ. दिप्ति कपूर कहती हैं- “COVID-19 का उपचार खोजने के लिए हमें तत्काल मानव और मानव अनुकूल चिकित्सीय प्रणाली की आवश्यकता है और इस हेतु बहुत सी गैर पशु प्रयुक्त विधियाँ है जिन्हें इस उपचार की खोज हेतु इस्तेमाल किया जा सकता है। PETA इंडिया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से अनुरोध करता है कि क्रूरता मुक्त चिकित्सीय विज्ञान को विकसित करने के लिए पूरे उत्साह के साथ आगे बड़े, घातक बीमारियों से लड़ने के लिए यह तकनीके निसंदेह बेहतर परिणाम लाएँगी।”

PETA इंडिया जिसका एक सिद्धांत यह भी है कि “जानवर हमारे परीक्षण करने के लिए नहीं हैं”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह इंसान कि उस वर्चस्ववादी सोच को दर्शाता है जिसमे वह विश्व कि अन्य समस्त प्रजातियों से स्वयं को सबसे ऊपर समझता है व अपने फ़ायदे के लिए उनका शोषण करता है। PETA ने केंद्रीय परिवार एवं कल्याण, साइंस एवं टेक्नोलोजी एवं अर्थ साइंस मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन जी को भी इस मामले में एक पत्र लिखा है।

PETA इंडिया द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र की एक कॉपी यहाँ देखी जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट पर PETAIndia.com जाएँ।

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