PETA इंडिया ओड़ीशा के मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करता है कि जनता की सुरक्षा के मद्देनजर जगननाथ रथ यात्रा में हाथियों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए

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18 June 2020

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PETA इंडिया ओड़ीशा के मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करता है कि जनता की सुरक्षा के मद्देनजर जगननाथ रथ यात्रा में हाथियों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए।

जानवरों की जगह मशीनों का इस्तेमाल करने से हाथियों की सुरक्षा के साथ-साथ हाथियों से मनुष्यों मे फैलने वाले टीबी रोग के खतरे से भी बचा जा सकता है

भुवनेश्वर : ओड़ीशा के उच्च न्यायालय ने कहा है कि COVID-19 महामारी के चलते भुवनेश्वर में जगननाथ रथ यात्रा के दौरान लोगों को भारी तादात में एकत्र होने से रोकने हेतु रथ यात्रा की गाड़ियों को खींचने के लिए हाथियों या मशीनों का इस्तेमाल किया जाए, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने ओड़ीशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक जी को तत्काल पत्र लिखकर इस उत्सव एवं भविष्य में भी हाथियों को इस्तेमाल ना किए जाने का आग्रह किया है क्यूंकि वह बहुत से रोगों के वाहक हैं व जनता के संपर्क में आने से हाथियों से लोगों में टीबी संक्रमण हस्तांतरित हो सकता है। अप्रेल माह में मुख्यमंत्री श्री पटनायक जी द्वारा लॉकडाउन के दौरान बेघर पशुओं के भोजन हेतु 54 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत किए जाने पर PETA इंडिया ने उन्हें “हीरो टू एनिमल्स” पुरुस्कार पुरुसकार से सम्मानित किया था।

अपने पत्र में PETA इंडिया ने कहा है कि –सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मोलेकुलर बायोलोज़ी  (केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिक मंत्रालय के तत्वाधान में संचालित एक शोध संगठन) द्वारा प्रकाशित किए गए लेख का हवाला दिया है कि – हाथियों को जब इस तरह की लंबी व थकाऊ गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है तो वह अनेक मानसिक एवं शारीरिक कमजोरियों जैसे बांझपन, प्रतिरोधक क्षमता के घटने व अत्यधिक तनाव को महसूस करते हैं।

PETA इंडिया के CEO जो कि एक पशु चिकित्सक भी है, डॉ. मणिलाल वलियाते कहते हैं- “COVID-19 महामारी के चलते जनता, जानवरों से मनुष्यों में हस्तांतरित होकर फैलने वाली बीमारियों को लेकर इस समय पहले से ज्यादा सचेत है। लॉकडाउन में इन पशुओं का ध्यान रखने के लिए हम मुख्यमंत्री महोदय के शुक्रगुजार हैं व आगे भी उम्मीद करते हैं कि जनता के स्वास्थ्य के मद्देनजर वह हाथियों पर दया करेंगे व उनके इस्तेमाल की स्वीकर्ति नहीं देंगे। वैज्ञानिक का  मानना है कि मनुष्यों में COVID-19 का पहला संक्रमण चीन की पशु मंडियों से ही आया है।“

PETA इंडिया जिसका एक सिद्धांत यह भी है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”। PETA समूह इस बात का संज्ञान लेता है कि हाथियों से अत्यधिक भारी समान ढुलवाना जैसा कि इस तरह के जलूसों में आम होता है, उनकी तनाव लेने की क्षमता व हारमोन के स्तर से तीन गुना अधिक तनावपूर्ण होता है। इसके अलावा जंगलों के खुले माहौल में रहने की अपेक्षा चिड़ियाघरों एवं मंदिरों में कैद रहने से उनकी शारीरिक क्षमता भी भी कमजोर होती है।

वर्ष 2018 में भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड द्वारा जयपुर में बंदी हाथियों पर की गयी जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि 10 प्रतिशत हाथी टीबी संक्रामण से पीड़ित थे। दक्षिण भारत में 600 हाथियों पर किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन में हाथियों में एम ट्यूबरक्लोसिस संक्रमण के संकेत मिले हैं। इन्सानों से हाथियों एवं हाथियों से इन्सानों में हस्तांतरित होने वाले टीबी संक्रमण पर किए गए एक अन्य अध्ययन से स्पष्ट हुआ है हाथियों एवं उनके महावतों के बीच एम ट्यूबरक्लोसिस संक्रमण हस्तांतरित मिला है। इसके अलावा हाल ही में प्रकाशित एक पेपर ने दक्षिण भारत में हाथियों से रिवर्स ज़ूनोसिस के पुष्टि की है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।

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