कुत्ते के बच्चों को जलाकर मारने वाले व्यक्तियों की जानकारी देने वाले को PETA इंडिया की ओर से ₹50,000 के इनाम की घोषणा

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10 February 2021

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मंदसौर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की है

मंदसौर, मध्यप्रदेश- कुत्ते के 9 बच्चों को क्रूरतापूर्ण ढंग से जलाकर मारने वाली ख़ौफ़नाक ख़बर सामने आने के बाद मंदसौर पुलिस ने  अज्ञात अपराधियों के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की गई है, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने अपराधियों की पहचान में सहायक किसी भी प्रकार की उपयुक्त जानकारी देने वाले व्यक्ति के लिए ₹50,000 की इनामी राशि का ऐलान किया है। अब तक कुत्ते के एक बच्चे के पूरी तरह से जले हुए शरीर को बरामद किया गया है।

उक्त अपराधियों के बारे में किसी भी तरह जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति, PETA इंडिया की आपातकाल हेल्पलाइन +91 9820122602 या मेल [email protected] पर संपर्क कर सकता है। सूचना देने वाले की पहचान को अनुरोध करने पर गोपनीय रखा जाएगा।

PETA इंडिया के इमरजेंसी रिस्पांस टीम एसोसिएट मैनेजर मीत अशर ने कहा, “अगर किसी के पास भी इस संबंध में कोई भी जानकारी है तो हम उसे कुत्तों एवं  मनुष्यों की सुरक्षा हेतु तुरंत सामने आने का अनुरोध करते हैं क्योंकि मनोवैज्ञानिकों द्वारा सचेत किया गया है की जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं। बेघर जानवरों और रेबीज की समस्या का सबसे मानवीय, वैज्ञानिक और कानूनी रूप से वैध समाधान है कि कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण कराकर उन्हें वापिस उनके इलाके में छोड़ दिया जाए।“

शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वे आगे चलकर अन्य जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 60% महिलाओं ने माना कि उनके पार्टनर ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया। पिछले साल महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले में एक युवक द्वारा एक टीचर को जलाकर मौत के घाट उतार दिया था। “राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो” द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दहेज-संबंधी विवादों के चलते हर साल लगभग 8,000 महिलाओं को जलाकर मार दिया जाता है।

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर किसी भी प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वह वर्चस्ववादी सोच है जिसमें वह स्वयं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदों के लिए दूसरी अन्य प्रजातियों के शोषण करने को सही मानता है।

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