कुत्ते को जलाकर मारने वाले अभियुक्तों की पहचान करने वाले को PETA इंडिया की तरफ से ₹50,000 इनाम की घोषणा

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19 April 2021

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Deepak Chaudhary; [email protected]

Hiraj Laljani; [email protected]

ठाणे पुलिस द्वारा अज्ञात अपराधियों के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की गई है

मुंबई- एक बेघर कुत्ते को जलाकर मौत के घाट उतारने वाले अज्ञात अपराधियों के खिलाफ़ ठाणे पुलिस द्वारा FIR दर्ज़ की गई है और पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने इन अज्ञात अपराधियों की गिरफ़्तारी एवं अपराध सिद्धि में सहायक किसी भी प्रकार की उपयुक्त जानकारी देने वाले व्यक्ति को ₹50,000 की इनामी राशि की घोषण की है। इस कुत्ते को चोटिल अवस्था में पशु अस्पताल ले जाया गया था लेकिन स्थिति गंभीर होने के चलते उसने दम तोड़ दिया।

इस अपराधी या अपराधियों के बारे मे जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति, PETA इंडिया की आपातकाल हेल्पलाइन +91 9820122602 या मेल [email protected] पर संपर्क कर सकता है। अनुरोध करने पर सूचना देनेवाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

PETA इंडिया के लीड इमरजेंसी रिस्पांस कोऑर्डिनेटर दीपक चौधरी ने कहा, “किसी के पास भी इस घटना से संबंधित कोई भी जानकारी है तो हम उससे अनुरोध करते हैं कि तुरंत हमसे संपर्क करे क्योंकि जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं। कुत्तों की नसबंदी एवं उनका टीकाकरण कराकर उन्हें उनके मूल स्थान पर वापस छोड़ देना ही बेघर कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या और रेबीज से बचाव का एक मात्र सबसे मानवीय, वैज्ञानिक और वैध उपाय है।“

जानवरों को ज़िंदा जलाना एक बेहद हिंसक अपराध है जिस पर अंकुश लगाना ज़रूरी है। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वे आगे चलकर अन्य जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 60% महिलाओं ने माना कि उनके पार्टनर ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया। भारत सरकार के “राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो” द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 8,000 औरतों को दहेज़-संबंधित मामलों में जला कर मौत के घाट उतार दिया जाता है।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता क्यूंकि यह इंसान की एक ऐसी धारणा है जिसके चलते वह दुनिया में खुद को सर्व शक्तिमान मानकर अपने फ़ायदों के लिए अन्य प्रजातियों के इस्तेमाल को अपना अधिकार मानता है।

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