पशुओं को नियंत्रित करने वाली मुंह की गैरकानूनी नुकीली लगाम के खिलाफ देशव्यापी अभियान

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03 December 2019

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शादियों तथा घुड़सवारी वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल हो रही मुंह की क्रूर नुकीली लगाम को जब्त करने के लिए PETA इंडिया एवं पुलिस की संयुक्त पहल

दिल्ली – घोड़ों पर नुकीली या “कांटेदार” लगाम का उपयोग करना गैरकानूनी है।  इस लगाम पर लगी रोक को लागू करने हेतु सरकार ने अभी तक जो प्रयास किए हैं उन पर किए गए सर्वेक्षण के नतीजों को जानने के बाद पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने पुलिस की मदद करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी आभियान शुरू कर दिया है। PETA समूह ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित मध्य प्रदेश राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर प्रतिबंध के इस्तेमाल की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है तथा पुलिस के माध्यम से छापेमारी अभियान चलाने का भी अनुरोध किया है। केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा वर्ष 2019 में की गयी 20वीं पशुधन जनगणना 2019 के अनुसार उपरोक्त राज्यों में घोड़ों, गधों, खच्चरों एवं टट्टुओं की जनसंख्या सबसे अधिक है, व इसी आधार पर इन राज्यों में यह अभियान चलाया जा रहा है।

धातु के नुकीले काँटों से बनी लगाम को “कांटेदार या नुकीली लगाम” कहा जाता है इस पर बने तीखे कांटे घोड़ों के संवेदनशील मुंह को छलनी करने का काम करते हैं। शादियों में ढ़ोल नगाड़ों व शोरगुल से विचलित न हो सके इसलिए इस प्रकार की लगाम का इस्तेमाल अक्सर शादियों या फिर घुड़सवारी हेतु  इस्तेमाल होने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है हालांकि “प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू ड्रोट एंड पैक्स एनिमल्स रूल, 1965” के नियम 8 के तहत इस तरह की लगाम का इस्तेमाल वर्जित माना गया है। PETA इंडिया से मिले मार्गदर्शन के आधार पर तेलंगाना, बिहार, आसाम, कर्नाटक एवं दिल्ली राज्य सरकारों ने इस क्रूर लगाम के खिलाफ राज्य की पुलिस को कड़ी कार्यवाही करने के आदेश जारी किए हैं।

PETA इंडिया द्वारा की गयी हालिया जांच से यह साबित हुआ है कि इस लगाम को घोड़ों के मुंह में एक सेंटीमीटर अंदर पहनाया जाता है, ज़ीभ व होठ का बार-बार इस लगाम पर रगड़ खाने से जानवर की ज़ीभ व होठ चोटिल हो जाते हैं व घाव बन जाता हैं। यह बेहद दर्दनाक व मानसिक आघात पहुँचने जैसा है व इसके चलते उनका मुंह जीवन भर के लिए क्षतिग्रस्त भी हो जाता है। PETA इंडिया पुलिस के साथ मिलकर न सिर्फ गैरकानूनी लगाम इस्तेमाल कर्ताओं के खिलाफ अभियान चलाएगा बल्कि इस तरह की अवैध लगाम का निर्माण व बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का कानून भी पेश करेगा। यही एक मुख्य कमी है जिस पर कार्यवाही करने की जरूरत है।

नुकीली लगाम से हो रही क्रूरता पर PETA इंडिया द्वारा की गयी जांच का वीडियो अनुरोध करने पर उपलब्ध कराया जाएगा।

PETA इंडिया के CEO एवं घोड़ों के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. मणिलाल वलियाते कहते हैं- “शादियों में व अन्य जगहों पर घोड़ों को नियंत्रि करने हेतु पहनाई जाने वाली यह क्रूर लगाम घोड़ों का मुंह छलनी कर देती है व जीवन भर के लिए उन्हें दर्द देती है। देशभर के अनेकों राज्यों में इस क्रूर एवं पीड़ादायी लगाम पर अब शिकंजा कसने जा रहा है और इस काम में मदद करने के लिए PETA इंडिया भी पूरी तरह से तैयार है।“

शादियों और अन्य समारोहों में दुर्व्यवहार का शिकार हो रहे घोड़ों पर PETA इंडिया द्वारा की गयी जांच के बाद, PETA इंडिया की मदद से दिल्ली पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी कर सौ से अधिक अवैध नुकीले लगाम को जब्त किया व घोड़ों के मालिकों के खिलाफ गैर-संज्ञेय अपराध रिपोर्ट भी दर्ज की। जैसे-जैसे  नुकीले लगाम की क्रूरता के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ती है वैसे वैसे लोग अब अपने विवाह समारोह में घोड़ो का इस्तेमाल करना बंद कर रहे हैं। अब लोग शादी समारोह में घोड़ों की जगह लग्ज़री वाहनों को चुन रहे हैं जैसे रॉयल एनफील्ड बुलेट, हार्ले-डेविडसन, विंटेज कार या फेरारी से लेकर हेलिकॉप्टर जैसे विकल्प भी युवा जोड़ों की पसंद बन रहे हैं। हाई-प्रोफाइल सेलेब्रिटी कपल जिंहोने अपनी शादियों में घोड़ों का इस्तेमाल नहीं किया उनमें शाहिद कपूर और मीरा राजपूत, नील नितिन मुकेश और रुक्मिणी सहाय, ज़हीर खान और सागरिका घाटगे, नेहा धूपिया और अंगद बेदी, अनुष्का शर्मा और विराट कोहली, तथा सोनम कपूर और आनंद आहूजा शामिल हैं।

PETA इंडिया इस सरल सिद्धांत के तहत काम करता है कि जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की खुद को वर्चस्ववादी समझने की सोच का प्रतीक है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ

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