गोवा सरकार घोड़ों व अन्य जानवरों पर इस्तेमाल होने वाली गैरकानूनी काँटेदार लगाम के खिलाफ शिकंजा कसेगी

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7 September 2020

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PETA इंडिया की शिकायत के बाद राज्य पशुपालन विभाग ने आदेश जारी किए

पणजी – पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया द्वारा गोवा राज्य सरकार को भेजी गयी एक अपील में कहा गया था कि गोवा राज्य में घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर काँटेदार लगाम का इस्तेमाल हो रहा है जबकि ‘प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू ड्राट एंड पैक एनिमल रूल्स, 1965 अधिनियम’ के नियम 8 के तहत इस तरह की लगाम का इस्तेमाल गैरकानूनी है। PETA इंडिया की इस अपील पर कार्यवाही करते हुए गोवा  पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के निदेशक श्री संतोष देसाई जी ने राज्य के समस्त सहायक निदेशकों एवं पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राज्य में जानवरों को नियंत्रित करने हेतु इस्तेमाल हो रही काँटेदार लगाम, नुकीली छड़, खूंटी या इस प्रकार के अन्य नुकीले औज़ार जो उपरोक्त कानून के तहत प्रतिबंधित है, पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उन्हें जब्त किया जाए व इस तरह की घटनाओ के बारे में संबन्धित अधिकारियों को सूचित किया जाए ताकि उलंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।

जानवरों को नियंत्रित करने हेतु काँटेदार लगाम की क्रूरता पर PETA इंडिया द्वारा फिल्माए गए वीडियो को यहाँ देखा जा सकता है जबकि तस्वीरें यहाँ देखी व डाऊनलोड की जा सकती हैं।

PETA इंडिया ने अपने पत्र में इंगित किया था कि जानवरों को नियंत्रित करने के लिए इस तरह की काँटेदार लगाम का इस्तेमाल ना सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि अमानवीय भी है। शादियों, घुड़सवारी या माल ढुलाई के लिए इस्तेमाल होने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए यह काँटेदार लगाम उनके मुंह के एक इंच अंदर तक पहनाई जाती है जिससे उनके होंठ और जीभ इस पर घिसते हैं, इस रगड़न से उन्हें अत्यधिक दर्द होता है, मुंह में घाव बन जाते हैं, मानसिक आघात होता है व उनका मुंह जीवन भर के लिए क्षतिग्रस्त हो जाता है।

PETA इंडिया की सीनियर लीगल काउंसिल स्वाति सुंबली कहती हैं- “इस अवैध काँटेदार लगाम के इस्तेमाल से घोड़ों का मुंह छलनी हो जाता है व उन्हे बेहद दर्द एवं तनाव होता है। यह लगाम इसलिए नहीं है कि शादी व अन्य खुशी के मौकों पर हम घोड़ों को इस तरह से प्रताड़ित करें। हम गोवा सरकार के आभारी हैं कि उन्होनें इस लगाम के गैरकानूनी इस्तेमाल के खिलाफ कारवाई के आदेश दिये हैं और इस कार्य में यदि आवश्यकता पड़ी तो PETA इंडिया सरकार को हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं”

भारत में नुकीले उपकरणों के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध को लागू करने के सरकार के प्रयासों पर एक बहु-राज्यीय शोध कराया गया, जिसके नतीजों के आधार पर PETA इंडिया ने दिसम्बर 2019 मे इस प्रतिबंध को सुनिश्चित करने हेतु पुलिस की सहायता के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।

असम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने इस प्रतिबंध को लागू करने के आदेश जारी किए हैं। PETA इंडिया पुलिस की सहायता हेतु न केवल अवैध रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की खोज करने और उन्हें जब्त करने के लिए अभियान चला रहा है, बल्कि काँटेदार लगाम के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए नए कानूनों के निर्माण हेतु भी अभियान चला रहा है ताकि कानून में व्यापात खामियों को सही किया जा सके व इस प्रतिबंध को पूर्णतया लागू किया जा सके।

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर किसी भी प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य के वह वर्चस्ववादी सोच है जिसमे वह स्वयं को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानकर अपने फ़ायदों के लिए दूसरी अन्य प्रजातियों के शोषण करने को सही मानता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com. पर जाएँ.

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