PETA इंडिया की शिकायत के बाद, कुत्ते को गोली से मारकर उसकी हत्या करने वाले अपराधी के खिलाफ़ केस दर्ज़

For Immediate Release:

6 May 2021

Contact:

Meet Ashar; [email protected]

Hiraj Laljani; [email protected]

यह अपराध भारतीय दंड संहिता के तहतआर्म एक्ट 1959; और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अंतर्गत दर्ज़ किया गया

पटियाला – पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पटियाला पुलिस द्वारा एक मासूम कुत्ते की गोली मारकर जान लेने के जुर्म में कल एक संदिग्ध के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की गयी और इसे गिरफ़्तार भी कर लिया गया। हाल ही में सोशल मीडिया पर अपराधी द्वारा कुत्ते को गोली मारकर उसकी हत्या करने वाला एक बेहद घिनौना वीडियो वाइरल होने के बाद PETA इंडिया के इमरजेंसी रिस्पांस कोऑर्डिनेटर मीत अशर ने पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया था। पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सहयोग से उक्त अपराधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 429; पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(a) एवं (l) और आर्म एक्ट 1959 की धारा 5 और 27 के अंतर्गत मामला दर्ज़ किया गया। इस संदिग्ध को बुधवार शाम गिरफ़्तार किया गया और इसके पास से एक बन्दूक जब्त कर उसे भी पुलिस हिरासत में लिया गया।

PETA इंडिया के इमरजेंसी रिस्पांस कोऑर्डिनेटर मीत अशर ने कहा, “PETA इंडिया पटियाला पुलिस द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता है जिससे यह संदेश जाएगा कि जानवरों के खिलाफ़ क्रूरता को सहन नहीं किया जाएगा। इस पीड़ित कुत्ते ने जो मानसिक एवं शारीरिक दर्द सहा है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए सभी की सुरक्षा हेतु ज़रूरी हैं कि जनता जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट दर्ज़ कराए।“

शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह आगे चलकर जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, वीरप्पन एक पशु शिकारी होने के साथ-साथ एक सीरियल किलर भी था और नोएडा के प्रसिद्ध बाल हत्या कांड में अपराधी मोनिन्दर सिंह को भी जानवरों का शिकार करते पाया गया था।  घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में 60% महिलाओं ने माना कि उनके अत्याचारी पार्टनरों ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि, “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है” और देश के ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’, 1960 को मजबूत करने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहा है। इस कानून में कड़ी सज़ाए तो हैं लेकिन यह बहुत पुराना और अप्रासंगिक है, जैसे पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने हाल ही में, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 में संशोधन से संबंधित अपने प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं जिसमें जानवरों के खिलाफ़ क्रूरता का दोषी पाये जाने वालों पर 25,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के जुर्माने और पांच साल तक की कैद की सजा के प्रावधान की सिफारिश की है। एक संज्ञेय अपराध या दूसरे गैर-संज्ञेय अपराध की स्थिति में हमने अभियुक्त के जानवर को जब्त करने और भविष्य में किसी अन्य जानवर के संरक्षण के अधिकार को समाप्त करने की भी सिफ़ारिश की है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ या आप हमें Twitter, Facebook, या Instagram पर फॉलो भी कर सकते हैं।

#