PETA इंडिया और PFA की कार्रवाई से, ग्वालियर में कुत्ते के पैर काटने के जुल्म में एक अपराधी गिरफ़्तार

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30 November 2021

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Hiraj Laljani; [email protected]

ग्वालियर- यह ख़बर मिलने के बाद कि किसी अपराधी द्वारा एक कुत्ते को बांधकर तेज़ धारदार चाकू से पहले बड़ी बेरहमी से उसके पैर काट कर और फिर रॉड से पीटपीट कर मौत के घाट उतार दिया हैं, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के मीत अशर ने पीपल फॉर एनिमल्स (इंदौर) के प्रियान्शु जैन, स्थानीय कार्यकर्ता छाया तोमर और ग्वालियर पुलिस की मदद से ‘’भारतीय दंड संहिता” की धारा 429 एवं “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” की धारा 11 (1) (ए) के अंतर्गत FIR दर्ज़ करवाई है। इस क्रूर घटना की एक वीडियो बहुत वाइरल हुआ था. 

PETA इंडिया के इमरजेंसी रिस्पांस कोर्डिनेटर मीत अशर ने कहा:- “PETA इंडिया अलवर पुलिस द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता है जिससे जनता में यह संदेश जाता है कि जानवरों के खिलाफ़ क्रूरता को सहन नहीं किया जाएगा। जो लोग जानवरों के प्रति क्रूरता करते हैं वे अक्सर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए सभी की सुरक्षा हेतु ज़रूरी हैं कि जनता जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों की रिपोर्ट दर्ज़ कराए।“

PFA इंदौर के प्रेसिडेंट प्रियान्शु जैन ने कहा, “मध्य प्रदेश में ऐसी घिनौने घटना पहले कभी नहीं देखी गयी है। इस अभियुक्त की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग होनी चाहिए। इस प्रकार की घिनौनी घटनाएँ पशु क्रूरता के खिलाफ़ मज़बूत दंड प्रावधानों की अवश्यता को दर्शाते हैं।“

PETA इंडिया इस अभियुक्त की मनोदशा का आंकलन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि जानवरों के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग जानवरों के खिलाफ क्रूरता करते हैं, वह आगे चलकर जानवरों या मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, केरल में अमीरुल इस्लाम को विधि की एक छात्रा जीशा का बलात्कार कर उसकी हत्या करने के लिए मौत की सजा सुनाए गयी जबकि उससे पहले वह कुत्तों और बकरियों का बलात्कार कर उन्हें मार चुका था। घरेलू हिंसा पीड़ितों पर किए गए एक अध्ययन में 60% महिलाओं ने माना कि उनके अत्याचारी पार्टनरों ने उनके कुत्तों या अन्य जानवरों को भी नुकसान पहुंचाया या मार दिया।

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि, “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है, पिछले लंबे समय से “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960” को मजबूत करने के लिए अभियान चला रहा है। इस कानून में कड़ी सज़ाए तो हैं लेकिन यह बहुत पुराना और अप्रासंगिक है, जैसे पहली बार जानवरों पर अपराध का दोषी पाये जाने पर महज़ 50 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर PCA अधिनियम, 1960 के अंतर्गत पशु क्रूरता के खिलाफ़ कठोर दंड प्रावधानों की सिफारिश करी है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।

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