गणतन्त्र दिवस के आगमन से पहले, PETA इंडिया का संदेश – “किसी बेघर कुत्ते गोद लें, खरीदे नहीं”

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23 January 2020

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Hiraj Laljani; [email protected]

भारतीय तिरंगे वाली साड़ी पहनकर, ‘PETA इंडिया’ एवं ‘रक्षा’ के समर्थक जनता से अनुरोध करेंगे कि विदेशी नस्ल के कुत्तों को “न” कहें व देसी नस्ल के कुत्तों को गोद लें।

प्रयागराज- गणतन्त्र दिवस से ठीक पहले, “PETA इंडिया” एवं “रक्षा” के समर्थक परंपरागत भारतीय वेषभूषा साड़ी व कुर्ता पहनकर तथा हाथ में तिरंगा लेकर प्रदर्शन करेंगे । PETA इंडिया का एक समर्थक एक विशालकाय कुत्ते का रूप धारण कर राहगीरों को संदेश देगा कि देशभक्ति का परिचय देते हुए किसी देसी नस्ल के बेघर या आश्रय गृह में रहने वाले कुत्ते को ही गोद लें। किसी पशु बिक्री केंद्र या ब्रीडर जो विदेशी नस्ल के कुत्तों का व्यापार करते हैं, उनसे कुत्ता खरीदने से देश में पशु बेघरपन का संकट बढ़ता है।

समय       : शुक्रवार, 24 जनवरी दोपहर 12 बजे

स्थान        : सुभाष चौराहा, सिविल लाइन, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 211001

PETA इंडिया की कैम्पेन कोर्डिनेटर राधिका सूर्यवंशी कहती है – “जब देश में लाखों कुत्ते एवं बिल्लियाँ सड़कों पर बेघर घूम रहे हैं या आश्रय गृहों में जिंदगी गुजार रहे हैं और कोई उनको अपनाने की बजाए किसी पशु बिक्री केंद्र या किसी ब्रीडर से विदेशी नस्ल का कुत्ता खरीदे तो यह बड़ा गैरजिम्मेदारना कदम होगा। जब भी कोई व्यक्ति किसी पशु बिक्री केंद्र या ब्रीडर से विदेशी नस्ल का कुत्ता या बिल्ली खरीदता है तो सदको पर जिंदगी गुजार रहे देसी नस्ल के किसी एक कुत्ते को उसका प्यारा घर मिलने का अवसर समाप्त हो जाता है।“

PETA  इंडिया लोगों से अनुरोध करता है कि विदेशी नस्ल के कुत्ते एवं बिल्ली के बच्चों को न खरीदें और इसके बजाय किसी देसी नस्ल के पशु को गोद लें। पालतू पशुओं की बिक्री करने वाली दुकानों में बेचे जाने वाले पेडिग्री कुत्ते आमतौर पर उचित पशु चिकित्सा देखभाल, पर्याप्त भोजन, व्यायाम, स्नेह और समाजीकरण से वंचित होते हैं। इसीलिए बहुत से विदेशी नस्ल के कुत्ते जैसे, बॉक्सर्स, जर्मन शेफर्ड्स और पग्स, वंशानुगत और अनुवांशिक बीमारियों के शिकार होते हैं। अक्सर उनके कान लम्बे होते हैं या फिर शरीर का पिछला हिस्सा झुका सा रहता है। विदेशी नस्ल के कुत्तों में पाई जानेवाली आम बीमारियों में, सांस लेने की समस्या, कैंसर, हृदय रोग, रक्तस्राव विकार, कंकाल की विकृति और आंख की समस्याएं शामिल हैं। इसके विपरीत, आश्रय गृहों या भारतीय सड़कों पर जोखिम भरी जिंदगी गुजारने वाले देसी नस्ल के कुत्ते शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ व मजबूत हैं।

PETA इंडिया प्रजातिवाद का विरोध करता है, जो मानव-वर्चस्ववादी सोच का परिचायक है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया PETAIndia.com. पर जाएं।

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