PETA इंडिया की अपील के बाद भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने सभी राज्यों को सामुदायिक जानवरों के भोजन हेतु धनराशि आवंटित करने का सुझाव दिया

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22 May 2021

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इस एडवाइजरी में पशु चिकित्सा से जुड़े कर्मियों, पशु कल्याण संगठनों के कार्यकर्ताओं और पशुओं को भोजन देने वाले लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखने का भी सुझाव दिया गया

मुंबई – पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया की अपील के बाद, केंद्र सरकार के निकाय ‘भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ (AWBI) ने 21 मई को एक तात्कालिक एडवाइजरी ज़ारी करते हुए ओड़ीशा सरकार की तरह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों सहित सभी तरह के सामुदायिक जानवरों के भोजन हेतु धनराशि आवंटित करने और इसके उचित प्रयोग का सुझाव दिया है। AWBI ने चेतावनी दी है कि, वर्तमान महामारी की स्थिति एवं कर्फ्यू प्रतिबंधों के कारण अधिकांश लोगों को सामुदायिक जानवरों को खाना खिलाने में बाधा उत्पन्न हुई है, जिससे जानवरों के लिए भुखमरी की स्थिति बन सकती है, जानवरों में प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है और वे संक्रामक रोगों के शिकार हो सकते हैं। AWBI ने अपनी एडवाइजरी में पशुचिकित्सकीय सेवकों, पशु कल्याण संगठनों के कार्यकर्ताओं और पशुओं को भोजन देने वाले लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखने का भी सुझाव दिया है जिससे यह सभी पशुओं को ज़रूरी पशु चिकित्सीय देखभाल, भोजन और अन्य मदद उपलब्ध करा सकें।

AWBI द्वारा ज़ारी एडवाइजरी मांगे जाने पर उपलब्ध कारवाई जाएगी। 

PETA इंडिया की सीनियर एडवोकेसी ऑफिसर हर्षिल माहेश्वरी ने कहा, “लॉकडाउन के चलते सभी होटल बंद हैं और ऐसे में अगर सामुदायिक जानवरों के भोजन का प्रबंध नहीं किया गया तो भूखमरी के कारण उनकी मृत्यु भी हो सकती है। PETA इंडिया AWBI के इस सुझाव का पुरजोर समर्थन करता है जिसमे उन्होने समस्त राज्यों से सामुदायिक जानवरों के भोजन हेतु धनराशि आवंटित करने और पशुचिकित्सकीय सेवकों, पशु कल्याण संगठनों के कार्यकर्ताओं और पशुओं को भोजन देने वाले लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखने का सुझाव दिया है।

PETA इंडिया को लॉकडाउन के दौरान ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली हैं जिनके अनुसार, होटल व रेस्टोरेंट्स बंद होने के कारण बचा हुआ खाना न मिलने से कई जानवरों और पक्षियों को भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। PETA समूह दयालु लोगों से लगातार सभी आवश्यक नियमों को पालन करते हुए (जैसे मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना, आदि) बेघर जानवरों के लिए भोजन-पानी रखने का अनुरोध कर रहा है। PETA इंडिया सभी से अपने आसपास पशुओं का ध्यान रखने और उन्हें किसी मुश्किल में देख तुरंत हमारी पशु आपातकालीन राहत दल से सहायता हेतु (0) 9820122602 पर संपर्क करने का भी अनुरोध करता है।

हाल ही में, मद्रास उच्च न्यायलय में सामुदायिक जानवरों को लॉकडाउन के दौरान भोजन देने हेतु सरकार को निर्देशित करने के संबंध में दर्ज़ कराई गयी जनहित जाचिका के बाद, न्यायलय ने ज़रूरतमंद जानवरों की सहायता हेतु एक सुचारु तंत्र को व्यवस्थित करने के लिए एक विशेष कमेटी के गठन का आदेश दिया। वर्ष 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली उच्च न्यायलय में भी एक ऐसी ही अपील दर्ज़ की गयी थी।

महामारी के शुरुआती दिनों में ओड़ीशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक जी को बेघर जानवरों के भोजन हेतु धनराशि आवंटित करने के लिए PETA इंडिया द्वारा Hero to Animals Award से नवाज़ा गया था। इस महीने की शुरुआत में ही सामुदायिक गायों और अन्य जानवरों को भोजन, पानी और संरक्षण देने के लिए लखनऊ के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर श्री चिरंजीवनाथ सिन्हा को भी पुरस्कृत किया गया था।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता क्यूंकि यह इंसान की एक ऐसी धारणा है जिसके चलते वह दुनिया में खुद को सर्व शक्तिमान मानकर अपने फ़ायदों के लिए अन्य प्रजातियों के इस्तेमाल को अपना अधिकार मानता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएं। आप हमें Twitter, Facebook, या Instagram पर फॉलो भी कर सकते हैं।

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