PETA इंडिया की शिकायत पर, मकर संक्रांति से ठीक पहले अहमदाबाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए शहर में गैरकानूनी माँजे की बिक्री कर रही दुकानों से माँजा जब्त किया

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10 January 2020

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अधिकारियों ने जानलेवा घातक माँजे की अनेकों चरखियाँ जब्त कर ली

अहमदाबाद : पीपल फार द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया से मिली शिकायत पर कार्यवाही करते हुए अहमदाबाद पुलिस ने सरदारनगर एवं बापूनगर बाज़ारों में दबिश देकर जानलेवा माँझे की अनेकों चरखियाँ जब्त कर ली (माँजा, पतंग उड़ाने की वह तीखी डोर होती है जो सिंथेटिस या सूत के धागे के उपर काँच, मेटल व अन्य तीखे लेप चड़ाकर तैयार की जाती है)। दिनांक 5 जनवरी 2020 को पुलिस आयुक्त अहमदाबाद द्वारा एक आदेश जारी कर मकर संक्रांति तथा विश्व पतंगबाज़ी प्रतियोगिता (7 से 14 जनवरी) के दौरान खतरनाक तीखे माँजे के इस्तेमाल एवं बिक्री को प्रतिबंधित किया गया था, पिछले दो दिनों में शहर में कानून प्रवर्तन अभियान चलते हुए अहमदाबाद पुलिस ने गैरकानूनी माँजे की बिक्री करते हुए विक्रेताओं को पकड़ा व उक्त आदेश का उलंघन करते पाये जाने हेतु चारों विक्रेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत चार प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की।

पुलिस कार्यवाही की तस्वीरें अनुरोध करने पर उपलब्ध कारवाई जाएंगी ।

PETA इंडिया के एडवोकेसी असिस्टेंट प्रदीप रंजन डोले बर्मन कहते हैं- “माँजा पक्षियों एवं इन्सानों के लिए जानलेवा है इसमे उलझकर अनेकों पक्षी गंभीर रूप से घायल एवं मौत का शिकार हो जाते हैं, अगर लोग इस बात का एहसास कर लें तो फिर वो लोग पतंगबाजी हेतु केवल सूती डोर का ही इस्तेमाल करेंगे। माँजे के खिलाफ अहमदाबाद पुलिस की कार्यवाही सरहनीय है जो पक्षियों एवं इन्सानों की रक्षा करके का कार्य कर रही है।“

अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर IPS श्री आशीष भाटिया कहते हैं – “प्रतिवर्ष उत्तरायन त्यौहार के दौरान गैरकानूनी तीखे माँजे की चपेट में आ जाने से अनगिनत पक्षी गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं, उनके अंग कट जाते हैं, पक्षियों के साथ साथ इंसान भी इसकी चपेट में आने से मौत का शिकार हो जाते हैं।  इस जानलेवा माँजे के खिलाफ अहमदाबाद पुलिस की नीति सख्त है व हम शहर को इस अवैध डोर से मुक्त करेंगे। इस मामले को हमारे संज्ञान में लाने के लिए मैं PETA इंडिया का धन्यवाद अदा करता हूँ।“

अहमदाबाद ज़ोन 4 के पुलिस उपायुक्त, IPS श्री नीरज बडगुजर कहते हैं- “अपराधियों को प्रतिबंधित मांजा बेचने से रोकने के लिए एक मजबूत मिसाल कायम करना जरूरी था। पिछले साल, उत्तरायन त्यौहार के दौरान कांच लेपित माँजे के इस्तेमाल के कारण कई लोग घायल हुए थे, कुछ लोग एवं हजारों पक्षी भी मारे गए थे। अहमदाबाद पुलिस की नीति स्पष्ट है कि मांजा एक खतरनाक डोर है व इसके इस्तेमाल कर्ताओं के खिलाफ किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी”

माँजे से उलझकर हर साल हजारों पक्षी कट व मर जाते हैं, डोर में उलझकर वह कई-कई हफ्तों तक पेड़ों या इमारतों पर फंसे रहते हैं। जनवरी 2019 में, गुजरात में उत्तरायण उत्सव के दौरान माँजे की चपेट में आने व गला कटने से एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गयी थी। सिर्फ जनवरी 2019 के दौरान अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा में माँजे के कारण 59 लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी।”

पिछले साल, नूतन हाई स्कूल के छात्रों ने एक “पतंग स्वैप” कार्यक्रम में शामिल होकर पक्षियों और मनुष्यों के जीवन को बचाने के लिए अपनी वचनबद्धता देते हुए पतंगबाज़ी की जगह जानवरों के अनुकूल खेल खेलने का संकलप लिया था। उनकी पतंगों एवं माँजे के बदले PETA इंडिया की तरफ से उन्हें खेल उपकरण जैसे कैरम बोर्ड, शतरंज, और चमड़े से मुक्त क्रिकेट किट प्रदान की गयी थी।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है की “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह मनुष्य की वर्चस्ववादी सोच का परिचायक है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हामारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।

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