PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद तुमकुरु ज़िले के दो मंदिरों में पशु बलि रोकी गई
PETA इंडिया की त्वरित कार्रवाई के चलते कर्नाटक के तुमकुरु ज़िले में दो मंदिरों—डोबरनहल्ली गाँव के श्री मुट्टीनकेम्पम्मा देवी मंदिर और कल्लुरु गाँव के धोडम्मा मंदिर—में वार्षिक अनुष्ठानों के दौरान नियोजित पशु बलि को रोका गया। प्राप्त सूचना के अनुसार, इन अनुष्ठानों में बैलों, बकरों और भेड़ों की बलि दी जानी थी, लेकिन PETA इंडिया की शिकायत के बाद पशु क्रूरता निवारण समिति (SPCA) ने पुलिस के साथ मिलकर दोनों स्थानों पर सख़्त चेतावनी जारी की और पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की, जिससे किसी भी पशु को हानि से बचाया जा सके।
PETA इंडिया ने अपनी शिकायत में स्पष्ट किया कि कर्नाटक पशु बलि रोकथाम अधिनियम, 1959 की धारा 3 के अनुसार किसी भी सार्वजनिक धार्मिक स्थल या उसके प्रांगण में या किसी धार्मिक जुलूस या सभा के दौरान पशु बलि सख़्ती से वर्जित है। अधिनियम की धारा 4 और 5 यह स्पष्ट करती हैं कि न तो कोई बलि दे सकता है, न ही उसमें सहायता कर सकता है, और ऐसा कोई स्थान बलि के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। धारा 6 के अनुसार इन प्रावधानों का उल्लंघन दंडनीय अपराध है।
इसके अतिरिक्त, PETA इंडिया ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 3(5) और 325 का भी उल्लेख किया, जिनके अनुसार सामूहिक रूप से किसी पशु की हत्या करना या जानबूझकर उसे मारना दंडनीय अपराध है, जिसमें पाँच वर्ष तक की सज़ा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
गुजरात, केरल, पुडुचेरी और राजस्थान जैसे राज्य पहले ही मंदिर परिसरों में पशु बलि पर रोक लगा चुके हैं। वहीं कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में किसी भी सार्वजनिक धार्मिक स्थल, उसके प्रांगण या उससे जुड़े किसी धार्मिक जुलूस में बलि निषिद्ध है।