PETA इंडिया की शिकायत के बाद केरल में अवैध बैलगाड़ी दौड़ के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया

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PETA इंडिया की शिकायत के बाद, पलक्कड़ पुलिस ने 24 दिसंबर को FIR दर्ज़ करके मालमपुझा में हुई एक अवैध बैलगाड़ी दौड़ के छह प्रतिभागियों को गिरफ्तार किया। PETA इंडिया को इस घटना के बारे में The Hindu में छपी एक तस्वीर से पता चला था, जिसमें दो बैलों को जबरन दौड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा था और उनकी नाक की रस्सियों को हिंसक रूप से खींचा जा रहा था।

पलक्कड़ के जिला पुलिस प्रमुख को औपचारिक शिकायत देने के बाद, PETA इंडिया ने इस मामले पर डेप्युटी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस श्री हरिदासन के साथ मिलकर काम किया। पुलिस द्वारा दर्ज़ की गयी FIR में, “पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960” की धारा 3 और 11(1)(ए) के प्रावधान शामिल हैं, जिनके अंतर्गत जानवरों को कोड़े मारना, पीटना और अनावश्यक दर्द देना एक दंडनीय अपराध है। FIR में भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 289 और 337 भी शामिल है। सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार करके बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इस प्रकार की दौड़ों में डरे हुए बैल दर्द से बचने के लिए दौड़ते हैं न कि जीतने के लिए। इन्हें आम तौर पर इनकी नाक की रस्सी से घसीटते हुए, शुरुआती लाइन तक लाया जाता है, नुकीले हथियारों से मारा-पीटा जाता है और दौड़ में प्रथम लाने की जल्दी में, अक्सर इनकी पुंछ की हड्डियों को तोड़ दिया जाता है।

केरल उच्च न्यायालय द्वारा 5 सितंबर 2014 को ज़ारी आदेश के अनुसार, वह सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2014 के फैसले से बाध्य है और केंद्र सरकार की दिनांक 7 जुलाई 2011 को ज़ारी अधिसूचना द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा गया। न्यायालय के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि बैल शारीरिक रूप से रेसिंग के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

 

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