PETA इंडिया की शिकायत पर सेवरी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज, बेहद खराब हालत में पाए गए चार घोड़े जब्त

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया की शिकायत पर मुंबई के सेवरी पुलिस स्टेशन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार घोड़ों को जब्त किया, जिन्हें बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट रोड पर रेलवे ट्रैक के पास अवैध रूप से बेहद दयनीय हालत में रखा गया था। यह कार्रवाई उस समय शुरू हुई जब संगठन को सूचना मिली कि पूर्वी फ्रीवे के अंतर्गत टोल नाका के पास एक घोड़ा गिर पड़ा है जिसे कथित रूप से सवारी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। कुछ ही समय बाद वही घोड़ा बिना छाया और भोजन व पानी के पास की रेलवे पटरियों के पास बंधा हुआ मिला।

मौके पर पहुंची पुलिस को वहाँ चार घोड़े मिले जो पूरी तरह से कुपोषित थे। उनकी पसलियाँ और रीढ़ की हड्डियाँ साफ़ दिखाई दे रही थीं और कुछ के शरीर पर गंभीर घाव भी थे। इन पशुओं को गंदगी और असुविधाजनक वातावरण में बंधा हुआ पाया गया। संबंधित मामले में पुलिस ने “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960” की धाराओं 3 और 11 के तहत मामले की FIR दर्ज की और चारों घोड़ों को बृहन्मुंबई नगर निगम के मलाड स्थित पशु आश्रय केंद्र भेजा गया, जहां उनकी चिकित्सा जांच और देखभाल की व्यवस्था की गई।

दुखद रूप से, बचाव के अगले ही दिन एक घोड़े की हालत इतनी नाज़ुक हो गई कि उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस के अनुरोध पर सरकारी पशु चिकित्सक द्वारा उसका पोस्टमार्टम किया गया। शेष घोड़ों की सुरक्षा और देखरेख सुनिश्चित करने हेतु PETA इंडिया ने भायखला स्थित बोईवाड़ा कोर्ट में अंतरिम अभिरक्षा हेतु याचिका दायर की है।

PETA इंडिया ने इस त्वरित कार्रवाई के लिए सेवरी पुलिस स्टेशन और विशेष रूप से वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री रोहित खोत की सराहना की है, जिन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि पशुओं के प्रति क्रूरता किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। मुंबई जैसे शहर में जहां सड़कों की भीड़ और गर्मी में पशुओं का उपयोग और भी अधिक तकलीफ़देह हो जाता है, वहां बिना लाइसेंस वाले अस्तबलों में उन्हें बांधकर रखना पूरी तरह अवैध है। फिर भी, सवारी के लिए इन पशुओं को बार-बार भूखा, घायल और अस्वच्छ परिस्थितियों में रखा जाता है। PETA इंडिया ने मुंबई पुलिस से अपील की है कि वह शहर में अवैध घोड़ा सवारी पर सख़्ती से रोक लगाए और बृहन्मुंबई नगर निगम से आग्रह किया है कि वह शहर में बिना लाइसेंस के अस्तबलों में पशुओं को रखने की अनुमति न दे।

अपनी शिकायत में PETA इंडिया ने यह उल्लेख किया कि माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जून 2015 को “एनिमल्स एंड बर्ड्स चैरिटेबल ट्रस्ट बनाम MCGM व अन्य (जनहित याचिका संख्या 36/2011)” में दिए गए आदेश में मुंबई शहर में सवारी के लिए विक्टोरिया घोड़ा गाड़ियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था और मुंबई में घोड़ों को रखना भी अवैध घोषित किया था, क्योंकि मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888 के अंतर्गत अधिकृत अस्तबलों की अनुपस्थिति पाई गई थी। इस निर्णय के तहत कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (MCGM) को ऐसे सभी सुविधाओं को बंद करने का निर्देश दिया और मुंबई पुलिस को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि प्रतिबंध का पालन हो तथा उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए।

जुलाई 2017 में, उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोड़ा-गाड़ी मालिकों और चालकों के लिए प्रस्तुत पुनर्वास योजना को स्वीकार कर लिया, जिससे घोड़ों को मुंबई की सड़कों से हटाया जा सका और चालकों को आजीविका सुनिश्चित करने हेतु भुगतान और/या विक्रेता लाइसेंस प्रदान किया गया। मई 2018 में, PETA इंडिया ने उस समय के महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह योजना तुरंत लागू करने की अपील की, ताकि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत आवश्यक धनराशि प्राप्त हो सके। कई घोड़ा-गाड़ी चालक धीरे-धीरे विरासत-शैली की मोटर चालित ई-गाड़ियों की ओर भी परिवर्तित हो गए।

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