गुमशुदा बंदर की जानकारी देने वाले को ₹50,000 का इनाम

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PETA इंडिया ने एक लापता बंदर की खोज मे सहायक किसी भी प्रकार की उपयुक्त जानकारी देने वाले व्यक्ति के लिए ₹50,000 की इनामी राशि का ऐलान किया है। यह बंदर “रीसस मकाक” नामक प्रजाति का है जो कि ‘वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA), 1972’ के तहत एक संरक्षित प्रजाति है। इस बंदर को टैटू कलाकार कमलजीत सिंह (उर्फ काम्ज़ इंकज़ोन) और उनके स्टूडियो मैनेजर दीपक वोहरा ने एक वर्ष से अधिक समय तक गैरकानूनी तरीकों से बंदी बनाकर रखा था।

monkey chandigarh - tattoo artist

सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर बंदर की तस्वीरों और वीडियो को साझा किया गया, एक दयालु व्यक्ति से यह जानकारी मिलने के बाद PETA इंडिया ने चंडीगढ़ वन विभाग के साथ मिलकर ‘वन्यजीव संरक्षण अधिनियम ‘ की धारा 9 के साथ-साथ भाग 2 (16)(बी), 39, और 51 के अंतर्गत दो पुरुषों के खिलाफ प्रारंभिक साक्ष्य रिपोर्ट दर्ज कराई जिसके उपरांत पिछले महीने टैटू कलाकार कमलजीत सिंह व उनके स्टूडियो मैनेजर दीपक वोहरा को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन तब से वह दोनों जमानत पर रिहा हैं। टैटू कलाकार द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो में नजर आ रहा है कि बंदर को शराब पिलाने का भी प्रयास किया गया था। बंदर इस समय कहा है इसके बारे मे कोई जानकारी नहीं है।

बंदर के बारे मे जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति, PETA इंडिया की आपातकाल हेल्पलाइन +91 9820122602 या ई-मेल [email protected] पर संपर्क कर सकता है।

जंगली जानवरों का असली घर प्रकृति में रहना है और अपने फ़ायदों के लिए जानवरों को “पालतू जानवरों” के रूप में कैद करके रखना ना सिर्फ नैतिक रूप से गलत है बल्कि ‘वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत दंडनीय अपराध भी है जिस हेतु कम से कम 10,000 रुपये जुर्माने व सात साल तक की जेल की सज़ा का प्रावधान है।

बंदरों से भ्रामक करतब करवाने के लिए उनको पीट कर और भूखा रख कर प्रशिक्षित किया जाता है। वह खुद का बचाव न कर सकें इसलिए अक्सर उनके दांत निकाल दिए जाते हैं। 1998 में, केंद्र सरकार ने ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960’ के तहत एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि बंदरों और कई अन्य जंगली जानवरों की प्रजातियों को प्रदर्शनकारी जानवरों के रूप में प्रदर्शित या प्रशिक्षित नहीं किया जाना चाहिए।

गुमशुदा बंदर की जानकारी देकर आप भी नगद 50,000 रुपये का इनाम पा सकते हैं