महाराष्ट्र सरकार, घोड़ों पर इस्तेमाल होने वाली गैरकानूनी काँटेदार लगाम के खिलाफ शिकंजा कसेगी

Posted on by PETA

महाराष्ट्र में घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर काँटेदार लगाम के इस्तेमाल के खिलाफ  PETA इंडिया द्वारा की गयी शिकायत कर कार्यवाही करते हुए राज्य के पशुपालन विभाग के आयुक्त श्री सचिन्द्र प्रताप सिंह, IAS, ने सभी जिला कलेक्टर तथा पशु क्रूरता निवारण ज़िला समिति के प्रमुखों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि वे राज्य में कामगार घोड़ों पर इस तरह की लगाम का इस्तेमाल न होने दें सुनिश्चित करें कि इस संबंध में पारित कानून का उलंघन न हो। पत्र की एक कॉपी आवश्यक कार्यवाही हेतु क्षेत्रीय संयुक्त आयुक्त, जिला आयुक्त-पशुपालन विभाग ज़िला पशुपालन अधिकारी को भी भेजी गयी है। PETA इंडिया द्वारा दिये गए पत्र में कहा गया था कि इस तरह की लगाम का इस्तेमाल “प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू ड्राट एंड पैक एनिमल रूल्स, 1965” अधिनियम के नियम 8 के तहत गैरकानूनी है।

आयुक्त द्वारा भेजे गए पत्र में मुख्य सचिव – पशुपालन, डेयरी एवं मतस्य विभाग से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह राज्य में नुकीली लगाम के निर्माण एवं बिक्री पर प्रतबंध लगाने हेतु राज्य के मुख्य सचिव से बात करें व इस मामले पर उनके निर्देश भी प्राप्त करें।

PETA इंडिया ने अपने पत्र में इंगित किया था कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित 20वीं पशुधन गणना के अनुसार महाराष्ट्र राज्य में घोड़ों और खच्चरों की आबादी लगभग 0.37 लाख है।

शादियों, घुड़सवारी व अन्य कार्यों  के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए यह काँटेदार लगाम उनके मुंह के एक सेंटीमीटर अंदर तक पहनाई जाती है जिससे उनके होंठ और जीभ इस पर घिसते हैं, इस रगड़न से उन्हें अत्यधिक दर्द होता है, मुंह में घाव बन जाते हैं, मानसिक आघात और जीवनभर के लिए यह जख्म दे देती है।

घोड़ों को नियंत्रित करने वाली काँटेदार लगाम को रोकने हेतु राज्य सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों पर किए गए सर्वेक्षण के नतीजों के आधार पर, PETA इंडिया ने इस लगाम पर लगे प्रतिबंध को लागू करने हेतु पुलिस की मदद करने के उद्देश्य से दिसंबर 2019 के पहले सप्ताह में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया। PETA इंडिया द्वारा संपर्क किए जाने के बाद, कई राज्यों – जिनमें उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं – ने इस निषेध को लागू करने के आदेश जारी किए हैं। PETA इंडिया पुलिस के साथ मिलकर न सिर्फ अवैध रूप से इस्तेमाल की जारी इस लगाम की खोज करने और उन्हें जब्त करने के लिए अभियान चला रहा है, बल्कि काँटेदार लगाम के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनों को लाने हेतु भी अभियान चला रहा है ताकि कानून में व्यापात खामियों को सही किया जा सके व इस प्रतिबंध को और भी पूर्णतया लागू किया जा सके।

घोड़ों पर इस्तेमाल होने वाली काँटेदार लगाम पर रोक लगवाने में हमारी मदद करें