हापुड़: कुत्ते को पीट-पीटकर मारने के मामले में PETA इंडिया के हस्तक्षेप के बाद FIR दर्ज
एक जागरूक नागरिक द्वारा सामुदायिक कुत्ते को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डालने की भयावह घटना की सूचना दिए जाने पर, PETA इंडिया ने हापुड़ पुलिस के सहयोग से इस क्रूर घटना के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज कारवाई।
यह दर्दनाक घटना 25 अप्रैल को हापुड़ के रघुबीर गंज इलाके की है, जहां एक सामुदायिक कुत्ते को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 3 और 11(1) के तहत FIR दर्ज की गई। BNS की धारा 325 किसी भी पशु को नुकसान पहुंचाने या मारने को संज्ञेय अपराध मानती है, जिसके लिए पांच साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। वहीं, धारा 11(1) में पशुओं को अनावश्यक दर्द या पीड़ा देने को “क्रूरता” माना गया है, जो कानूनन अपराध है।
जो लोग पशुओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, वे अक्सर आगे चलकर मनुष्यों को भी नुकसान पहुँचाते हैं। हर किसी की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि जनता ऐसे मामलों को उजागर करे और इस तरह की क्रूरता की घटनाओं की तुरंत पुलिस को जानकारी दे। हम हापुड़ के उप पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र कुमार शर्मा और थाना हापुड़ नगर के थाना प्रभारी श्री मुनिश प्रताप सिंह के प्रति आभार प्रकट करते हैं, जिन्होंने इस मामले में तत्परता से FIR दर्ज कर यह सख्त संदेश दिया कि पशुओं के प्रति हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
PETA इंडिया पशु क्रूरता के अपराधियों की मनोदशा का मूल्यांकन और काउंसलिंग की सिफारिश करता है क्योंकि पशुओं के प्रति शोषण के कृत्य एक गहरी मानसिक अशांति को इंगित करते हैं। शोध से पता चला है कि जो लोग पशुओं पर क्रूरता करते हैं, वह अक्सर आगे चलकर अन्य पशुओं व मनुष्यों को भी चोट पहुंचाने का प्रयास करते हैं। फोरेंसिक रिसर्च एंड क्रिमिनोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि “जो लोग पशु क्रूरता में शामिल होते हैं, उनके अन्य अपराध करने की संभावना 3 गुना अधिक होती है, जिसमें हत्या, बलात्कार, डकैती, हमला, उत्पीड़न, धमकी और नशीली दवाओं/मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है।”