PETA इंडिया की अपील के बाद गोवा राज्य ने गर्भ के दौरान सुअरों को कैद करने वाले पिंजरों पर रोक लगाई

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PETA इंडिया की अपील के बाद, गोवा सरकार के पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी कर सभी सहायक निदेशकों और पशु चिकित्सा अधिकारियों को सुअर पालन में अवैध तरीके से गर्भधारण हेतु क्रूर पिंजरों के उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसी तरह के सर्कुलर कर्नाटक और पंजाब सरकारों द्वारा जारी किए गए हैं।

सर्कुलर में स्वीकार किया गया है कि गर्भधारण और फैरोइंग क्रेट दोनों ही उचित परिणाम देने अनुमति देने में विफल होते हैं और यह सुअर पालन की क्रूर और अवैध विशेषताएं हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि जानवरों के “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11(1)(ई) के तहत इन क्रेटों के निर्माण, बिक्री और उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह परिपत्र ‘भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद’ के राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र द्वारा सूअरों के संबंध में दिये गए एक संचार को संदर्भित करता है जिसमे इस बात की पुष्टि की गई है कि गर्भधारण एवं प्रसव के ऐसे तरीके जिनमें सूअर सही से हिल डुल भी ना पाएँ, वह अवैध हैं।

गेस्टेशन क्रेट (उर्फ “तंग पिंजरा”) धातु के पिंजरे हैं जो केवल सुअर के आकार के होते हैं, इसमे नीचे की तरह कंक्रीट या पक्के फर्श होते हैं, जो जानवरों को घूमने या खड़े होने में समस्या पैदा करते हैं। गेस्टेशन क्रेट का इस्तेमाल गर्भवती सूअरों को एक जगह रोके रखने के लिए किया जाता है, जिन्हें आमतौर पर बच्चों को जन्म देने के लिए फेरोइंग क्रेट में भेज दिया जाता है और उन्हें वहाँ तब तक रखा जाता है जब टक कि उनके नवजात बच्चों को उनसे अलग न कर दिया जाये। ये फेरोइंग क्रेट मूल रूप से गेस्टेशन क्रेट के समान होते हैं, बस इनमे सूअर के नवजात बच्चों के लिए साइड में छोटे खांचे बने रहते हैं।

गेस्टेशन और फेरोइंग क्रेट इतने छोटे व सँकरे हैं कि वे सूअरों माँ को उन सभी चीज़ों से वंचित कर देते हैं जो उनके लिए प्राकृतिक और महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि चारा खाने के अवसर, अपने बच्चों के लिए घोंसला बनाना, अन्य सूअरों के साथ मेलजोल करना, और उनके शरीर के तापमान को नियंत्रित करना (जैसे कि कीचड़ में दीवार बनाना)। ये क्रेट इसमे बंद सूअरों को अपने ही मल-मूत्र में साने खड़े रहने  के लिए मजबूर करते हैं। इस गंभीर कैद के कारण होने वाले अत्यधिक तनाव और हताशा के परिणामस्वरूप यह सुवर असामान्य व्यवहार करते हैं जैसे बाड़े की सलाखों को लगातार काटने का प्रयास या हवा को लगातार चबाने की कोशिश।

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