हरियाणा सरकार घोड़ों पर इस्तेमाल होने वाली गैरकानूनी काँटेदार लगाम के खिलाफ शिकंजा कसेगी

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PETA इंडिया द्वारा हरियाणा राज्य को भेजी गयी एक अपील में कहा था कि हरियाणा में घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर काँटेदार लगाम का इस्तेमाल हो रहा है, वह प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू ड्राट एंड पैक एनिमल रूल्स, 1965 अधिनियम के नियम 8 के तहत इस तरह की लगाम का इस्तेमाल गैरकानूनी है तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के दिनांक 31 मार्च 2019 के आदेश का स्पष्ट उलंघन है। PETA इंडिया की इस अपील पर कार्यवाही करते हुए हरियाणा राज्य सरकार के पशु पालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुनील के. गुलाटी जी ने सभी विभाग अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए राज्य में हो रहे काँटेदार लगाम के इस्तेमाल पर कोर्ट के आदेश एवं क़ानूनों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये हैं।

आदेश में यह भी कहा गया है की जहां जहां काँटेदार लगाम इस्तेमाल हो रही है उसे जब्त करके उसको मुलायम लगाम से बदला जाए, काँटेदार लगाम से बने जख्मों का इलाज़ करवाया जाए व यदि कोई घोडा मालिक काँटेदार लगाम न उतारने दे तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। काँटेदार लगाम को मुलायम लगाम से बदले जाने हेतु पशुपालन विभाग के महानिदेशक अनुदान प्रदान करेंगे ताकि घोडा मालिकों को यह मुलायम लगाम निशुल्क वितरित की जा सके।

PETA इंडिया ने अपने पत्र में इंगित किया था कि पशुपालन एवं डेयरी उद्योग द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित 20वीं पशु जनगणना के अनुसार हरियाणा में घोड़ों और खच्चरों की आबादी लगभग 0.10 लाख है। शादियों और घुड़सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घोड़ों को नियंत्रित करने के लिए यह काँटेदार लगाम उनके मुंह के एक सेंटीमीटर अंदर तक पहनाई जाती है जिससे उनके होंठ और जीभ इस पर घिसते हैं, इस रगड़न से उन्हें अत्यधिक दर्द होता है, मुंह में घाव बन जाते हैं, मानसिक आघात और आजीवन क्षति होती है।

PETA इंडिया ने अपने पत्र में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के दिनांक 31 मार्च 2019 के उस आदेश का भी हवाला दिया है जिसमे कहा गया था “जानवरों को चोटों, सूजन, घिसन, छलनी होने से बचाने हेतु उन पर काँटेदार लगाम या छड़ का इस्तेमाल, नुकीले औजारों के कष्ट देना या चुभोना, खूंटी, कील या इस तरह   के अन्य उपकरणों का इस्तेमाल पूरे हरियाणा राज्य में प्रतिबंधित है”।

इससे पूर्व PETA इंडिया द्वारा संपर्क किए जाने के बाद, कई राज्यों जिनमें आसाम, बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश शामिल हैं, ने इस काँटेदार लगाम के खिलाफ कानून का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी कर इस पर लगे प्रतिबंध को कायम रखने के कार्यवाही की है। PETA इंडिया पुलिस के साथ मिलकर न सिर्फ अवैध रूप से इस्तेमाल की जारी इस लगाम की खोज करने और उन्हें जब्त करने के लिए अभियान चला रहा है, बल्कि काँटेदार लगाम के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनों को लाने हेतु भी अभियान चला रहा है ताकि कानून में व्यापात खामियों को सही किया जा सके व इस प्रतिबंध को और भी पूर्णतया लागू किया जा सके।

जानवर हमारा मनोरंजन एवं दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं । चलिये घोड़ों की पीड़ा समाप्त करें।

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