PETA इंडिया की अपील के बाद, चंडीगढ़ सरकार ने शीशे का लेप चड़े एवं अन्य सभी तरह के तीखे माँझे के इस्तेमाल पर रोक लगाई

Posted on by Erika Goyal

PETA इंडिया की ओर से पतंगबाजी के दौरान इस्तेमाल होने वाले घातक माँझे से इन्सानों एवं पक्षियों की मौतों का मुद्दा उठाने के बाद, चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA), 1986 की धारा 5 के तहत अधिसूचना जारी कर नायलॉन की डोर (जिसे ‘चीनी माँझे’ की रूप में भी जाना जाता है) के साथ साथ काँच या पदार्थों का लेप चड़े तीखे माँझे के निर्माण, आयात, परिवहन, भंडारण, बिक्री, उपयोग एवं निपटान पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध पक्षियों, मनुष्यों एवं एवं जानवरों के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा का मद्देनज़र जारी किया गया है। अब पतंगबाजी के लिए केवल ऐसे सूती धागे का इस्तेमाल किया जा सकता है जिसको तीखा बनाने के लिए उस पर किसी भी पदार्थ का लेप न चड़ा हो।

Manja kills birds - Ahemdabad bans deadly kite-flying strings 02

सरकार द्वारा जारी यह आधीसूचना में शीशे व अन्य पदार्थों के लेप चड़े घातक माँझे के इस्तेमाल को मनुष्यों एवं पशु पक्षियों को जानलेवा बताया गया है, शहर में बिजली गुल होने का एक कारण भी माँझा है, एक बिजली की लाइन में व्यवधान डालने से 10,000 लोग प्रभावित होते हैं। बेघर जानवर भोजन की तलाश में भोजन के साथ साथ ऐसे धागे (मांझे) भी निगल जाते हैं जिससे उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है। दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा की सरकारे पहले से ही माँझे के इस्तेमाल के संबंध में इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी कर चुकी हैं।

काँच पाउडर, मेटल एवं अन्य तीखे लेप चड़ा घातक माँझा इन्सानों, पक्षियों, अन्य जानवरों एवं पर्यावरण के लिए खतरनाक है इसकी चपेट में आने से हर साल अनेकों इन्सान चोटिल होते हैं व मौत का शिकार भी होते हैं। इसी वर्ष अगस्त माह में जमेटो के एक डेलीवेरी बॉय की चलती मोटर साईकिल के टायर में माँझा उलझ जाने से गिर कर सामने से आने वाले यातायात से चोटिल होने से उसकी मौत हो गयी थी। इस साल की शुरुआत में मुंह के सामने शीशा लगा हेलमेट और हाथ के दस्ताने पहने हुए एक मोटर साईकल चालक भी माँझे के चपेट में आ गया बुरी तरह से जख्मी होने से नहीं बच सका क्यूंकी तीखे माँझे ने उसके हेलमेट का शीशा तक काट दिया था। इस वर्ष एक अन्य युवक की तीखे काँच के लेप चड़े माँझे से गर्दन कटने से बुरी तरह घायल हो गया था। कार की सनरूफ से बाहर झाँकने पर एक सात वर्ष के बच्चे की गर्दन खुले माँझे में फसने से उसकी गर्दन एवं आँखों पर गंभीर छोटे आई।

इस घातक माँझे का पक्षियों की आबादी पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। माँझे की चपेट में आने से अक्सर पक्षियों के पंख व पैर कट जाते हैं, व वह अक्सर ऐसे गंभीर घावों एवं जख्मों के शिकार होते हैं की बचावकर्ता भी उनकी मदद नहीं कर पाते।

अब समय आ गया है कि इन खतरनाक डोर को किसी और की जान लेने से रोका जाए – आप नीचे दिए गए अपील फॉर्म पर हस्ताक्षर करके मदद कर सकते हैं।

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