सनि लिओनि और PETA इंडिया की ओर से दिल्ली के 10,000 प्रवासी मज़दूरों को वीगन भोजन का दान

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6 May 2021

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मशहूर अभिनेत्री ने PETA इंडिया के साथ मिलकर प्रोटीन-युक्त भोजन वितरण किया

दिल्ली- पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने मशहूर अभिनेत्री सनि लिओनि के साथ मिलकर उदय फाउंडेशन के ज़रिये 10,000 प्रवासी मज़दूरों को वीगन भोजन दान करने का निर्णय लिया है क्योंकि कोविड-19 के चलते इन मज़दूरों को आर्थिक तंगी, भोजन की कमी और भविष्य की अनिश्चितता जैसी कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सनि लिओनि ने कहा, “मुझे खुशी है कि मैंने PETA इंडिया के साथ मिकलर हज़ारों ज़रूरतमंद लोगों के लिए प्रोटीन-युक्त वीगन भोजन का प्रबंध किया। हम सभी एक ख़तरनाक महामारी का सामना कर रहे  हैं और ऐसे समय में एक-दूसरे के प्रति करुणा और संवेदनशीलता रखना बहुत ज़रूरी है।“ भोजन के इन पैकेटों में दाल-चावल या खिचड़ी और एक फल रखा जाता है। एक कप उबली दाल में 17.9 ग्राम प्रोटीन होता है जबकि एक अंडे में केवल 6 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

वीगन जीवनशैली अपनाने से हृदय रोग, मधुमय और अन्य बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। पहले से इन बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए कोविड-19 के कारण मौत का ख़तरा अधिक बढ़ जाता है। “Academy of Nutrition and Dietetics” नामक विश्व की सबसे बड़ी भोजन एवं पोषण संस्थान के कर्मियों ने बताया, “शाकाहारी और वीगन जीवनशैली अपनाने वाले लोगों के लिए इस्केमिक हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कुछ प्रकार के कैंसर और मोटापा जैसे शारीरिक रोगों के ख़तरे में कमी देखी गयी है।“

ऐसा माना जाता है कि वर्तमान महामारी का जन्म जिंदा जानवरों की मंडी से हुआ है इसलिए वीगन भोजन बांटना इस समय का सबसे सही निर्णय है। इसी प्रकार SARS, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, एबोला, HIV और कई अन्य बीमारियों का फैलाव भी जिंदा जानवरों की मंडियों, फ़ैक्टरी फ़ार्मों या बूचड़खानों से माना जाता है।

सनि लिओनि को वर्ष 2016 में PETA इंडिया “पर्सन ऑफ द ईयर” घोषित किया गया था। उन्होंने इससे पहले भी PETA इंडिया के कई अभियानों में भाग लेकर वीगन फ़ैशन, शाकाहारी जीवनशैली, कुत्तों एवं बिल्लियों को गोद लेने और उनकी नसबंदी कराने का समर्थन किया है। सनि लिओनि ने बॉलीवुड में अपनी पारी की शुरुआत 2012 में प्रदर्शित फ़िल्म जिस्म 2 से की थी और वह जल्द ही शेरों  औरअनामिका  नामक फिल्मों में नज़र आएंगी।

PETA इंडिया जो इस सिद्धान्त के तहत काम करता है कि “जानवर हमारा भोजन बनने के लिए नही हैं” प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकी यह एक ऐसी धारणा है जिसके तहत इंसान इस दुनिया में स्वयं को सर्व शक्तिमान मानकर दूसरी अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ एवं हमें TwitterFacebook, और Instagram. पर फॉलो करें।

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