PETA इंडिया की शिकायत पर ठाणे ग्रामीण पुलिस ने भूख से बेहाल होकर हड्डियों का ढांचा बन चुके वंशावली कुत्तों को जब्त किया

For Immediate Release:

06 August 2021

Contact:

Hiraj Laljani ; [email protected]

Dr Rashmi Gokhale; [email protected]

गैरकानूनी तरीके से संचालित पालतू पशुओं के बोर्डिंग केंद्र से रेसक्यू किए गए जानवरों को तत्काल देखभाल हेतु पशु चिकित्सालय भेजा गया

ठाणे : एक जागरूक नागरिक से मिली सूचना के उपरांत ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया’ की शिकायत पर ठाणे पुलिस ने PETA इंडिया के साथ मिलकर कल्याण के बापगाँव, कल्याण में अवैध रूप से चल रहे पशु बोर्डिंग केंद्र से भूख से बेहाल होकर हड्डियों का ढांचा बन चुके 3 मादा कुत्तों को जब्त कर लिया। इन तीन मादा कुत्तों में एक डोबरमैन, एक रोटविलर और एक बॉक्सर प्रजाती की है। यह बोर्डिंग केंद्र महाराष्ट्र राज्य पशु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत नहीं है। पुलिस एवं PETA इंडिया की टीम द्वारा रेसक्यू किए गए 1 से 1.5 वर्ष की उम्र के यह मादा कुत्ते बेहद गंभीर स्थिति में पाये गए, इन्हें यहाँ लंबे समय से पिंजरों में भूखे प्यासे कैद करके रखा गया हैं और शरीर में कीड़ों के कारण पड़ चुके संक्रमण का कोई उपचार नहीं दिया जा रहा था। वह गंभीर एनीमिया से भी पीड़ित थे।

कड़ी कानूनी कार्यवाही होने के डर से इस केंद्र के मालिक ने एक सहमति पत्र देते हुए इन कुत्तों को PETA इंडिया के हवाले कर दिया और आगे भविष्य में कभी भी अन्य कुत्तों को ना रखने का वचन दिया। इन रेसक्यू ऑपरेशन की तस्वीरें मांगे जाने पर उपलब्ध कारवाई जाएंगी ।

PETA इंडिया की वेट्रिनरी सर्विसेस मैनेजर डॉ. रश्मि गोखले ने कहा- “इन कुत्तों का तत्काल रेसक्यू करवाने में मदद करने के लिए हम ठाणे ग्रामीण पुलिस के आभारी हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं ही अगर उन्हें अपने घरेलू कुत्ते को कुछ दिन के लिए कहीं छोड़ना पड़े तो वो अपने किसी भरोसेमंद दोस्त या रिश्तेदार के यहाँ ही छोड़ें और अगर बोर्डिंग में छोड़ना पड़े तो पहले बोर्डिंग सेंटर जाकर हर संभव जांच परख कर यह सुनिश्चित कर लें कि वहाँ आपके कुत्ते को पिंजरे में कैद करके नहीं रखा जाएगा और न ही उसके साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार किया जाएगा।“

कुत्तों को लगातार पिंजरों में कैद रखना “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” के सेक्शन 11(g) और “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (डॉग ब्रीडिंग एंड मार्केटिंग) नियमावली 2017” के नियम 24 का स्पष्ट उल्लंघन है। जानवर को पर्याप्त भोजन न देना “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960’ के सेक्शन 11(1)(h) के तहत दंडनीय अपराध है और पीड़ित जानवर को चिकित्सीय सुविधा से वंचित रखना इसी अधिनियम के सेक्शन 11(1)(k) के तहत गंभीर क्रूरता का मामला है। ऐसे ब्रीडर या बोर्डिंग केनेल ऑपरेटर जो राज्य पशु कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत नहीं है वह 2017 की नियमावली के अनुसार कुत्तों को रखने हेतु प्रतिबंधित हैं।

PETA इंडिया जो इस सिद्धान्त के तहत काम करता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”, लोगों से अनुरोध करता है कि कुत्तों एवं बिल्लियों को पैट शॉप या ब्रीडर से खरीदने की बजाए उन्हें किसी आश्रय गृह से गोद लें। कुत्तों की बिक्री करने वाले यह पैट शॉप या ब्रीडर जिन मादा कुत्तों को अपने केन्द्रों पर रखकर उनसे बच्चे पैदा करवाते हैं उन्हें पर्याप्त भोजन, चिकित्सा, देखभाल, व्यायाम एवं सामाजिक गतिविधियों से वंचित रखते हैं। क्यूंकी यह ब्रीडर ग्राहकों की मांग के अनुसार कुछ खास नस्ल व खास शारीरिक संरचना वाले कुत्तों जैसे लंबे कानों वाले कुत्ते, नीची कटकाठी वाले कुत्ते, विदेशी नस्ल जैसे बॉक्सर, जर्मन शेफर्ड या पग्स को पैदा करते हैं इसलिए यह कुत्ते आनुवांशिक और वंशानुगत रोगों की उच्च डर से पीड़ित रहते हैं। खास नस्ल के पैदा किए गए इन कुत्तों में सांस लेने में तकलीफ, कैंसर, हृदय रोग, रक्तस्राव विकार, अस्थिपिंजर में खराबी व आँखों की समस्याओं का होना सामान्य बात है जबकि इनके मुक़ाबले देसी कुत्ते ज्यादा स्वस्थ एवं ताकतवर होते हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और TwitterFacebookInstagram पर हमें फॉलो करें।

#