भारतीय फार्माकोपिया आयोग द्वारा जानलेवा पशु परीक्षण समाप्त करने की योजना

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4 जून 2020

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PETA इंडिया से मिले परामर्श के आधार पर सरकारी संस्था ने जानवरों की जीवनरक्षा हेतु कदम उठाए।

नई दिल्ली- PETA इंडिया से मिले समर्थन के उपरांत, भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) ने जानवरों को निरर्थक और घातक प्रयोगों (सार्वजनिक परामर्श एवं अंतिम संस्तुति आना बाकी है) हेतु इस्तेमाल करने व मार दिये जाने की प्रक्रिया में बदलाव किए हैं। अपने प्रस्ताव में, भारतीय फार्माकोपिया आयोग ने वैक्सीन मोनोग्राफ मे से “असामान्य विषाक्तता परीक्षण” को हटा दिया है। भारतीय फार्माकोपिया – देश में निर्मित होने वाली एवं बिक्री होने वाली एवं दवाओं हेतु परीक्षणों की अनुमति देता है व उनका संकलन करता है।

दिनांक 29 अप्रैल 2019 को आयोजित IPC विशेषज्ञों की सातवीं समूह बैठक में पशुओं पर परीक्षण ना किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया था और वैज्ञानिक निकाय कीओर से इस प्रस्ताव पर हरी झंडी मिलने के बाद इसे सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया था। PETA इंडिया ने भी इस बैठक में भाग लिया था और पशु परीक्षण हटाये जाने का समर्थन भी किया था।

संशोधन के पारित होने के बाद, IPC ने कुछ दवाओं के निर्माण हेतु उनका गिनी पिग्स और चूहों पर अनिवार्य रूप से परीक्षण किए जाने की शर्त समाप्त कर दिया है। इन परीक्षणों में इन नन्हें जीवों को एक टीका लगाया जाता है और यदि उनमें से कोई भी जीव नहीं मरता तो उस दवा को मानवीय इस्तेमाल हेतु सुरक्षित माना लिया जाता है। परीक्षणों के दौरान अगर कोई जानवर ज़िंदा रह भी जाता है तो उसे बाद में मार दिया जाता है। इस परिक्षण की अनिवार्यता को समाप्त करने से हजारो जीवों की जाने बच जाएगी।

हाल के दशकों में दुनिया भर के नियामकों और निर्माताओं ने यह माना है की ‘असामान्य विषक्तता परीक्षण’ को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है क्यूंकि इसके परिणामों में वैज्ञानिक सत्यता का अभाव है। दवाओं की जांच व सत्यता प्रमाणन हेतु जीवों पर परीक्षण की जगह बेहतर विनिर्माण पद्धतिओं को अपनाया जाना बेहतर पर्याय है।

PETA इंडिया साइंस पॉलिसी एडवाइजर डॉ. दिप्ति कपूर कहती हैं- “IPC द्वारा उठाए गए इस ऐतिहासिक कदम से गिनी पिग्स एवं चूहों को इस तरह के क्रूर और वैज्ञानिक रूप से दोषपूर्ण परीक्षणों में पीड़ित करके मारने पर रोक लग सकेगी। आने वाले समय में विज्ञान से संबन्धित गतिविधियों में पशुओं का इस्तेमाल नहीं होगा। PETA इंडिया यह सुनिश्चित करने के लिए काम करता रहेगा कि, बाकी सभी पशु प्रयोगों को आधुनिक एवं मानवीय तरीकों से बदल दिया जाए” ।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत कार्य करता है कि “जानवर हमारे प्रयोग किए जाने के लिए नहीं हैं”, संज्ञान लेता है कि मनुष्यों और अन्य प्रजातियों की शारीरिक संरचना में काफी अंतर है इस हेतु पशुओं पर किए गए प्रयोगों से मिले परिणाम अक्सर भ्रामक और गलत होते हैं व उन्हें व मानवीय इस्तेमाल का आधार मानना उचित नहीं है।

अधिक जानकारी के लिए PETAIndia.com. पर जाएँ ।

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