PETA इंडिया की अपील के चलते हरियाणा भी माता सूअरों को पिंजरों में कैद करने पर रोक लगाने वाले 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में शामिल हो गया है।

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07 July 2023

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चंडीगढ़- पीपुल फॉर थे एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया एवं ह्यूमन सोसाइटी इंटेरनेशनल द्वारा सुअर पालन में गर्भाधान के दौरान इस्तेमाल होने वाले लोहे के पिंजरे जिन्हें गेस्टेशन क्रेट के नाम से जाना जाता है, के निर्माण, बिक्री एवं इस्तेमाल पर रोक लगाने की अपील के बाद, पशुपालन और डेयरी महानिदेशक, हरियाणा, ने एक आदेश जारी किया है जिसमें सभी जिलों के पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए समितियों के उप निदेशक सह सचिवों को उपरोक्त निषेध को अनिवार्य करने वाले कानून का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

इस परिपत्र में विशेषतः इंगित किया गया कि इस प्रकार के पिंजरे “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960” की धारा 11(1)(e) का उल्लंघन हैं जिसके अंतर्गत किसी भी जानवर को ऐसे तंग पिंजरों में कैद रखना जिनमे वह सही से हिल डुल तक न सके, वह अवैध है। परिपत्र में कहा गया है की सुअर पालन के दौरान गर्भाधान और प्रजनन के दौरान इस तरह के पिंजरों के इस्तेमाल की अनुमति है बल्कि यह सुअरों में घावों और बीमारियों में योगदान करते हैं। ‘‘भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय शूकर अनुसंधान केंद्र” द्वारा भी सूअरों के संबंध में यह पुष्टि की गयी है कि सुवरों को इस तरह से रखना अवैध हैं।

हरियाणा के पशुपालन एवं डेरी महानिदेशक के परिपत्र की एक कॉपी जो PETA इंडिया को मिली है, मांगे जाने पर उपलब्ध कारवाई जाएगी।

हरियाणा उन 23 राज्यों एवं केन्द्र्शासित प्रदेशों की सूची में शामिल हो गया है जिनहोने सुअरों को कैद में रखने के खिलाफ निर्देश जारी किए हैं। हरियाणा के अलावा ऐसे निर्देश जारी करने वाले अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, ओड़ीशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल राज्य हैं।

PETA इंडिया की एडवोकसी ऑफिसर फरहत उल ऐन ने कहा, “PETA इंडिया हरियाणा राज्य द्वारा सुअरों के पक्ष में उठाए गए इस दयालु कदम की सरहाना करता है जिससे अनगिनत सूअरों को तंग पिंजरों से मुक्ति मिलेगी। अपने प्राकृतिक परिवेश में, सूअर सामाजिक, चंचल और सुरक्षात्मक जानवर होते हैं जिन्हें अपने बच्चों से बेहद प्यार होता है इसलिए इन सजीव प्राणियों को पिंजरों में बंदी बनाए जाने पर अथाह पीड़ा होती है। सूअरों को भारी भीड़भाड़ वाले वाहनों में बूचड़खानों में ले जाया जाता है, जहां उन्हें सिर पर हथौड़े से मारकर या सीने में छुरा घोंपकर मौत के घाट उतार दिया जाता है। PETA इंडिया सभी को बताना चाहता है कि वे सुअरों व अन्य जानवरों का मांस ना खाकर उनकी पीड़ा को कम करने में योगदान कर सकते हैं क्यूंकी इस तरह के पिंजरों का इस्तेमाल मांस उद्योग द्वारा इन जानवरों के साथ किया जाने वाला एक जघन्य कार्य है”

जेस्टेशन क्रेट (लोहे के पिंजरे) जो केवल सुअर की माप के होते हैं, इनका फर्श पक्का या कंक्रीट का होता है, जिसमे जानवरों को करवट बदलने या खड़े होने में अत्यधिक कष्ट होता है। जेस्टेशन क्रेट का इस्तेमाल गर्भवती सूअरों को एक जगह रोके रखने के लिए किया जाता है, बच्चों को जन्म देने के लिए फेरोइंग ज्रेत में भेज दिया जाता है और उन्हें वहाँ तब तक रखा जाता है जब तक कि उनके नवजात बच्चों को उनसे अलग न कर दिया जाये। ये फैरोइंग क्रेट मूल रूप से जेस्टेशन क्रेट के समान होते हैं, बस इनमे सूअर के नवजात बच्चों के लिए साइड में छोटे खांचे बने रहते हैं।

जेस्टेशन एवं फेरोइंग क्रेट इतने छोटे व सँकरे होते हैं कि वे मादा सूअरों को उन सभी चीज़ों से वंचित कर देते हैं जो उनके लिए प्राकृतिक और महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि चारा खाना, अपने बच्चों के लिए घोंसला बनाना, अन्य सूअरों के साथ समूह में रहना, उनके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए कीचड़ में लोट पोट होना। क्रेट मे बंद सूअरों को जबरन अपने ही मलमूत्र में सने रहने के लिए मजबूर किया जाता है। अत्यधिक क्रूरता सह रहे सुअर हताशा और निराशा के चलते असामान् क्यावहार करते हैं जैसे पिंजरे की सलाखों को काटते हैं और हवा को चबाने का प्रायस करते हैं।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है, प्रजातिवाद का विरोध करता है क्यूंकि यह एक ऐसी धारणा है जिसमे इंसान इस दुनिया में स्वयं को सर्वोपरि मानकर बाकी अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार मानता हैं। सुअर समझदार जानवर होते हैं जिनका शोषण नहीं किया जाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जायें और हमें Twitter, Facebook, एवं Instagram पर फॉलो करें।