PETA इंडिया की शिकायत पर, स्वतंत्रा दिवस से ठीक पहले दिल्ली पुलिस ने प्रतिबंधित माँझा जब्त किया

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04 Auust 2021

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Pradeep Ranjan Doley Barman; [email protected]

प्रतिबंधित माँझे की बिक्री एक दंडनीय अपराध है जिसके लिए 5 वर्ष तक के जेल या एक लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनो की सजा का प्रावधान है

दिल्ली: पीपल फार द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया से मिली शिकायत कि दिल्ली के बहुत से बाज़ारों में कानूनन प्रतिबंधित माँझे की बिक्री हो रही है, इस पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली पुलिस की एक अंडरकवर टीम ने PETA के प्रतिनिधि की उपस्थिती में लालकुआँ इलाके में अचानक छापा मारा। इस दबिश में दिल्ली पुलिस की इस विशेष टीम ने विक्रेताओं से जानलेवा माँझे की सैंकड़ों चरखियाँ जब्त कर ली और गैर कानूनी माँझे की बिक्री कर रहे चार दुकानदारों के खिलाफ ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986” के सेक्शन 5 तथा दिल्ली सरकार द्वारा दिनांक 10 जनवरी 2017 के सरकारी आदेश जिसमे ‘दिल्ली सरकार ने माँझे के सभी प्रारूपों की बिक्री, निर्माण, भंडारण, आपूर्ति एवं आयात को प्रतिबंधित किया है’ के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन्सानों, पक्षियों, अन्य जानवरों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनज़र सरकार ने तीखे माँझे पर प्रतिबंध लगाया है। इस आदेश के तहत पतंगबाजी के लिए केवल सूती धागे का इस्तेमाल करने की अनुमति है व सूती डोर को तीखा बनाने के लिए उसपर किसी भी तरह का काँच, मेटल व अन्य कोई लेप नहीं चड़ा होना चाहिए।

पुलिस कार्यवाही की तस्वीरें मांगे जाने पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। 

 PETA इंडिया के एडवोकेसी एसोसिएट प्रदीप रंजन डोले बर्मन कहते हैं- “इस छापेमारी और गैरकानूनी तरीकों से अवैध माँझे की बिक्री करने वालों के खिलाफ इस कार्यवाही हम दिल्ली पुलिस के आभारी है। पक्षियों और इन्सानों व अन्य जानवरों की सुरक्षा के मद्देनजर की गयी यह कार्यवाही एक बड़ा संदेश देती है। माँजा पक्षियों एवं इन्सानों के लिए जानलेवा है इसमे उलझकर अनेकों पक्षी गंभीर रूप से घायल एवं मौत का शिकार हो जाते हैं, अगर लोगों को यह पता हो की माँझा कितना खतरनाक है तो फिर लोग पतंगबाजी हेतु केवल सूती डोर का ही इस्तेमाल करेंगे।“

पिछले वर्ष अगस्त माह में साल PETA इंडिया की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने कार्यवाही करते हुए दिल्ली के चाँद मोहल्ला बाज़ार में छापामारी करके अनेकों दुकानदारों से लगभग 100 किलो माँझा जब्त किया था। उसी तरह से वर्ष 2019 में उत्तरी दिल्ली में सदर बाज़ार व बड़ा हिन्दू राव बाज़ार तथा पूर्वी दिल्ली में मधु विहार इलाके में पुलिस ने छापेमारी कर मौके पर गैरकानूनी माँझे की बिक्री कर रहे दोषियों के खिलाफ ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986” के सेक्शन 5 के तहत कार्यवाही की थी। इस कानून के तहत 5 वर्ष तक की जेल या 1 लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों की सज़ा का प्रावधान है।

हर वर्ष हजारों पक्षी इन तेज मांझो की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। मांझे में उलझ कर उनके पंख कट जाते है या फिर शरीर पर लिपट जाने से वह कई-कई हफ़्तों तक पेड़ों या इमारतों पर फंसे रहते है। इसी वर्ष जुलाई माह में तीखे माँझे की चपेट में आने पर एक मोटर साईकल सवार की मौत हो गयी थी और वर्ष 2019 में दौरान दिल्ली के तिमारपुर में तीखे माँझे से गला कट जाने से एक मोटर साईकल सवार की मौत हो गयी थी। तथा इसी वर्ष जुलाई माह में एक अन्य मोटरसाईकल सवार माँझे के गले में माँझा फस जाने से वो अपना संतुलन खो बैठा जिससे मोटरसाईकल अनियंत्रित होकर टकराने से उसपर बैठी 3 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी। अगस्त 2019 में तीखे मंजे से गला कट जाने से दिल्ली के एक 28 वर्षीय इंजीनियर की मौत हो गयी थी।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत के तहत काम करता है की “जानवर किसी भी प्रकार से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है”, प्रजातिवाद का विरोध करता है जो मनुष्य की एक ऐसी सोच है जिसके तहत वह स्वयं को संसार में सर्वोपरि मानकर अपने फ़ायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और TwitterFacebookInstagram पर हमें फॉलो करें।

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