PETA इंडिया के एक वीडियो में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का संदेश – “घोड़ों के साथ क्रूरता कोई हँसी मज़ाक नहीं”

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16 August 2021

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राजू श्रीवास्तव का यह वीडियो शादी विवाह में इस्तेमाल होने वाले घोड़ों के मुंह में पहनायी जाने वाली क्रूर काँटेदार लगाम के बारे में हैं

लखनऊ – जाने माने कॉमेडियन एवं अभिनेता ‘राजू श्रीवास्तव’ ने ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया’ के साथ मिलकर एक वीडियो बनाया है जिसमे समारोहों में इस्तेमाल होने वाले शोषित घोड़ों पर बड़े पैमाने पर अवैध काँटेदार लगाम के बारे में बताया गया है। यह वीडियो, लखनऊ शहर में PETA इंडिया के सहयोग से लखनऊ पुलिस द्वारा चलाये गए उस अभियान के बाद आया है जिसमे 70 घोडा मालिकों से घोड़ों पर इस्तेमाल होने वाली काँटेदार लगाम जब्त की गई थी। वीडियो के अंत में जनता को एक मजबूत संदेश देते हुए कहा गया है कि आप जब भी किसी घोड़े के मुँह में काँटेदार लगाम देखें तो उस घोड़े की पीड़ा को कम करने के लिए तत्काल स्थानीय अधिकारियों के पास इसकी शिकायत दर्ज करवाएँ।

राजू श्रीवास्तव का इस वीडियो को अनुरोध करने पर उपलब्ध करवाया जाएगा।

राजू श्रीवास्तव कहते हैं- “हम लोग शादी विवाह समारोह में नाचने गाने में मस्त रहते हैं लेकिन वहीं इस काँटेदार लगाम से घोड़े का मुँह छलनी हो जाता हैं और खून भी बहने लगता है। जब भी आप किसी घोड़े या फिर किसी बैल के मुँह में यह काँटेदार लगाम देखें तो तुरंत कार्यवाही करें और स्थानीय अधिकारियों के पास इसकी शिकायत दर्ज करवाएँ.”

PETA इंडिया के ‘सेलेब्रिटी एंड पब्लिक रिलेशन डायरेक्टर’ संचिन बंगेरा कहते हैं- “काँटेदार लगाम एक क्रूर उपकरण है जिसे शादी विवाह में इस्तेमाल होने वाले घोड़े को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इस लगाम से उनका मुँह छील जाता है और जीवनभर के लिए क्षतिगृस्त हो जाता है। लखनऊ पुलिस एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा, बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रही इस अवैध काँटेदार लगाम के खिलाफ कढ़े कदम उठा रहे हैं। इस तरह की कार्यवाही और सामाजिक संदेश के लिए PETA इंडिया श्री राजू श्रीवास्तव और लकनौ पुलिस का आभारी है।“

“पशु क्रूरता निवारण अधिनियम ड्रौट एंड पैक एनिमल्स रूल 1966” के नियम 8 के तहत इस तरह की लगाम का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 38 (3) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो काँटेदार लगाम का उपयोग करके इस कानून के नियमों का उल्लंघर करता तो वह सजा का हकदार होगा, जिसमें जेल की सजा भी शामिल हो सकती है। वर्ष 2014 में, भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड’ ने एक परामर्श जारी कर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से काँटेदार लगाम के निर्माण, व्यापार, कब्जे और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था। था। PETA इंडिया की शिकायतों पर वर्ष 2018 व 2019 में दिल्ली पुलिस ने तथा वर्ष 2020 में हिमांचल प्रदेश पुलिस ने भी इस तरह के अभियान चलाकर काँटेदार लगाम के खिलाफ सख्त कार्यवाही की थी। PETA इंडिया ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह काँटेदार लगाम के निर्माण, कब्जे और बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनी नियम अधिसूचित करें।

PETA इंडिया जो इस सिद्धांत में विश्वास रखता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं है” प्रजातिवाद का विरोध करता है। प्रजातिवाद एक ऐसी विचारधार है जिसमे इंसान स्वयं को इस दुनिया में सर्वोपरि मानकर अपने फायदे के लिए अन्य प्रजातियों का शोषण करना अपना अधिकार समझता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ और TwitterFacebookInstagram पर हमें फॉलो करें।

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