PETA इंडिया की शिकायत पर वन विभाग ने बंदर के साथ दुर्व्यवहार करने वाले टैटू आर्टिस्ट एवं स्टूडियो मैनेजर को गिरफ़्तार किया

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21 August 2020

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Garima Ozas; [email protected]

Sachin Bangera; [email protected]

आर्टिस्ट के द्वारा बंदर के साथ वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक एवं यूट्यूब पर पोस्ट करने पर मामला संज्ञान में आया

चंडीगढ़ –यह शिकायत मिलने पर कि एक टैटू आर्टिस्ट ने रिसस मकाक प्रजाति के बंदर के साथ कुछ फोटोग्राफ एवं वीडियो सोशल मीडिया पर डाले हैं। रिसस मकाक प्रजाति के बंदर “वन्यजीव संरक्षण अधिनियम -1972” के तहत संरक्षित प्रजाति है। इस शिकायत के बाद ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने अभियुक्त टैटू आर्टिस्ट एवं टैटू स्टुडियो मैनेजर के खिलाफ चंडीगढ़ वन विभाग में “वन्यजीव संराक्षण कानून 1972” के सेक्शन 2 (16) (b) सहित सेक्शन 9, सेक्शन 39 एवं सेक्शन 51 के तहत प्राथमिक अपराध रिपोर्ट दर्ज करवाई। वन विभाग ने तत्काल कार्यवाही करते हुए संरक्षित प्रजाति के बंदर को साल भर से गैरकानूनी तरीके से कैद करके रखने के जुर्म में अभियुक्त कमलजीत सिंह उर्फ ‘Kamz Inkzone’ एवं दीपक बोरा को गिरफ़्तार कर लिया। अभियुक्तों के द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में वह बंदर को लाल रंग का पेय पदार्थ पिलाते नजर आ रहे हैं जो कि शराब है। वन विभाग को बंदर अभी तक नहीं मिल पाया है जिस किसी व्यक्ति को भी उक्त बंदर के बारे में जानकारी हो कृपया तुरंत उसकी सूचना प्रदान करे।

इसके पहले बंदर की परवाह करने वाले लोगो से बंदर के बारे में शिकायत मिलने पर, PETA इंडिया ने चंडीगढ़ वन विभाग के उप वन संरक्षक श्री अब्दुल कय्युम को पत्र भेज कर मांग की थी कि बंदर को इस तरह से पकड़ने, उसे गैरकानूनी तरीके से कैद करके रखने व उसके साथ दुर्व्यवहार करने वाले अभियुक्तों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण कानून 1972 की विभिन्न धाराओं तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की जाए।

बंदर के साथ की जा रही क्रूरता के वीडियो एवं फोटोग्राफ यहाँ देखे जा सकते हैं।

PETA इंडिया की एमरजेंसी रेस्पोंस कोर्डिनेटर गरिमा ओज़स कहती हैं- “यह महत्वपूर्ण है कि चतुर एवं सामाजिक बंदर जंगलों में अपने परिवार एवं दोस्तों के साथ रहे ना कि इस तरह से शोषण करने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए उनका आदेश माने व उनके दुर्व्यवहार का शिकार हो। PETA इंडिया समाज के सभी लोगों से अनुरोध करता है कि कृपया अपने आसपास जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता, दुर्व्यवहार, गैरकानूनी कैद या स्वास्थ संबंधी एमरजेंसी होने की सूचना संबन्धित अधिकारियों को दें जैसे पुलिस या वन विभाग।“

PETA इंडिया इस सिद्धांत के तहत काम करता है कि “जानवर किसी भी तरह से हमारा दुर्व्यवहार सहने के लिए नहीं हैं”, यह इंगित करता है कि वन्यजीव अपने प्रकर्तिक निवास जंगलों में रहने के लिए हैं, उन्हें अपने फ़ायदों के लिए पकड़ना, पालतू जानवर की तरह कैद करके रखना या उनका शोषण करना, सामान्यतः गलत है व वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत दंडनीय अपराध है जिस हेतु अभियुक्त को 7 वर्ष की सज़ा व 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। बंदरों के साथ मारपीट करके व उन्हें भूखा रखकर उन्हें करतब करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, उनके दाँत तोड़ कर निकाल दिये जाते है ताकि वो स्वयं की रक्षा ना कर सकें। सन 1998 में केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत एक अधिसूचना जारी कर निर्देश दिये थे कि कई वन्यजीव प्रजातियां जिसमे बंदर भी शामिल हैं, को प्रदर्शनकारी जानवरों के रूप में प्रदर्शित करना या करतब दिखाने हेतु उन्हें प्रशिक्षित करने की अनुमति नहीं है।

आप जब भी जानवरों के साथ क्रूरता होते देखें या उन्हें संकट में फसा पाये तो कृपया PETA इंडिया की हेल्पलाइन नंबर (0) 98201 22602 पर तत्काल इसकी सूचना दर्ज कराएं। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।

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