एक विशाल घड़ी के सामने खड़ा ‘हाथी’ यह संदेश देगा की अब सर्कस में जानवरों के इस्तेमाल को समाप्त करने का समय आ गया है।

PETA इंडिया एवं FIAPO जनता से आग्रह करेंगे कि सर्कस में जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध का समर्थन करें।

नयी दिल्ली : पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया एवं फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ओर्गेनाईजेशन (FIAPO) के समर्थक एक विशाल घड़ी के सामने जंजीरों से बंधा एक हाथी व हाथों में “सर्कसों में जानवरों के इस्तेमाल पर रोक लगाओ” लिखे संदेश पकड़कर प्रदर्शन करेंगे ।

समय : ब्रहस्पतिवार, 13 जून, ठीक दोपहर 11 बजे से
स्थान : धरना रोड, जंतर मंतर, संसद मार्ग, क्नॉट प्लेस, नयी दिल्ली

PETA इंडिया की कैम्पेन कोर्डिनेटर आयुषी शर्मा कहती हैं – “सर्कसों में करतब दिखने वाले हाथी, घोड़ों एवं अन्य जानवरों को मारा-पीटा जाता है, जंजीरों से जकड़कर पिंजरों में कैद रखा जाता है। PETA इंडिया चाहता है कि सर्कस में जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाकर भारत पूरी दुनिया के सामने एक दयालु देश होने की मिसाल पेश करे जिससे अन्य देश भी सीख ले सकें।“

PETA इंडिया एवं FIAPO भारतीय पशु पालन एवं डेयरी मंत्रालय से आग्रह करते हैं कि ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960’ के अधीन ‘प्रदर्शनकारी पशु (पंजीकरण) नियम 2001’ में जोड़े जाने हेतु दिनांक 28 नवंबर 2018 को प्रस्तावित नए नियम “विशिष्ट आयोजनों हेतु जानवरों के प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण पर प्रतिबंध” जिसके तहत “किसी भी पशु को किसी भी प्रदर्शन एवं आयोजनों में करतब दिखने हेतु इस्तेमाल नहीं किया जा सकता” को जल्द से जल्द पास कर लागू किया जाए।

सर्कस में जानवरों का इस्तेमाल बंद कराने हेतु PETA इंडिया कई वर्षों से प्रयासरत हैं, इस प्रयासों में PETA द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में याचिका डालना, सरकारी नियामक निकायों जैसे भारतीय पशु कल्याण बोर्ड एवं केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के साथ कार्य करना, मुक़दमेबाज़ी, संगठित प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर मुहीम, मशहूर हस्तियों से मदद तथा सड़कों पर एवं थियेटर प्रदर्शन जैसे कार्य मुख्य हैं। वर्ष 2015 से, PETA इंडिया, FIAPO एवं अन्य पशु संरक्षण संगठनों के द्वारा पुलिस एवं वन विभाग की मदद से 200 से अधिक जानवरों जिनमे 21 बंदी हाथी, अनेकों घोड़े, कुत्ते, ऊंट तथा चिड़ियां शामिल हैं का बचाव कर उन्हे पुनर्वास केन्द्रों में भेजा जा चुका है इनमे कुछ पुनर्वास केंद्र PETA इंडिया द्वारा समर्थित भी हैं। इसके अलावा इसी समय के दौरान PETA इंडिया ने भारतीय पशु कल्याण विभाग एवं ज़िला कानून प्रवर्तन अधिकारियों एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करते हुए 7 सर्कस जो कि भारतीय पशु कल्याण विभाग के साथ पंजीकृत नहीं थी वहाँ से 76 जानवरों का बचाव कर उन्हे पुनर्वास केंद्र भेजा गया। बचाव कर लाये गए इन पशुओं में 14 घोड़े, 4 ऊंट, 42 कुत्ते, 9 विदेशी पक्षी, 4 बकरियाँ व 3 ईमू पक्षी शामिल हैं।

वर्ष 2013 में सरकार द्वारा अधिकृत, देशभर की 16 सर्कसों की 9 माह तक जांच की गयी जबकि 2013 से 2016 तक विशेषज्ञों द्वारा की गयी एक अन्य जांच से यह पता चला की इन सर्कसों में इस्तेमाल होने वाले हाथी, घोड़ों, ऊंटों, कुत्तों एवं चिड़ियों को अनेकों यतनाए दी जा रही है, देखभालकर्ता हाथियों को अंकुश से मारते हैं, सर्कस के शराबी कार्यकर्ता इन जानवरों के प्रति दुर्व्यवहार करते हैं, हाथियों, घोड़ों, कुत्तों एवं चिड़ियों को लगातार पिंजरो में बंद करके रखा जाता है, इन जानवरों में गंभीर मनिवेज्ञानिक रोगों के लक्षण भी देखने को मिले। जानवरों को आवश्यक चिकित्सा, भोजन, पर्याप्त पेयजल तथा साफ एवं सुरक्षित आश्रय से वंचित रखा जा रह था।

PETA इंडिया जो इस सरल सिद्धांत के तहत काम करता है “जानवर हमारे मनोरंजन के लिए नहीं है” प्रजातिवाद का विरोध कर्ता है जो कि इंसान का इस दुनिया में खुद को सर्वश्रेष्ठ समझे जाने का संकेतक है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाईट PETAIndia.com पर जाएँ।
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