PETA एशिया ने नई जांच वीडियो प्रकाशित कर वियतनाम में साँपों के साथ हो रहे चौंका देने वाले शोषण का खुलासा किया और दिखाया कि किस प्रकार हजारों साँपों को जबरन कैद करके और उनके शरीर में गाइन्स एवं हवा भरकर उन्हें धीमी और दर्दनाक मौत मारा जा रहा है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस क्रूर उद्योग में मगरमच्छों को बिज़ली का करंट लगाये जाते हैं, उनके सिर में लोहे के नुकीले ब्लेडनुमा हथियार घोंपे जाते हैं, उनकी शरीर को फुलाया जाता है और सचेत अवस्था में होने के बावजूद जानवरों के शरीर से क्रूरतापूर्ण ढंग से चमड़ी को उधेड़ा जाता है। और यह सब अत्याचार महज़ कुछ बैगों, जूतों, बेल्टों, और अन्य सामान का निर्माण करने के लिए होता है।

इस वीडियो में दिखाई गयी क्रूरता विदेशी-चमड़ा उद्योग में बहुत आम बात है।

जिंदा सांपों के शरीर में जबरन हवा भरकर उनकी हत्या की गयी

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस प्रकार श्रमिक अजगरों के मुंह और गुदा वाले स्थान को टाईट पट्टी से कसकर बांध देते हैं और फिर जानवरों के सर या पुंछ में छेद करके उनके शरीर में एक नली डालते हैं और उस नाली से उनके शरीर में हवा भरी जाती है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, मारने का यह ढंग बेहद “अमानवीय” और “अमान्य” है एवं विख्यात सरीसृप विशेषज्ञ Dr Clifford Warwick के अनुसार इसके कारण जानवरों को “घोर मानसिक तनाव और पीड़ा” का सामना करना पड़ता है। इस वीडियो में एक कर्मी को देखा जा सकता है की वह जान बूझकर सांप के शरीर पर चाड जाता है और उसके शरीर के में हवा का दबाव बढ़ा रहा है।

हमारे एक जांचकर्मी को यह भी बताया गया कि कथित तौर पर कई बार सांपों को मारने से पहले उन्हें गाड़ियों में प्रयोग होने वाली “बैटरी” का उपयोग करके करंट लगाए जाते हैं जिससे वह बेहोश या स्थिर हो जाएँ। जानवरों को इस तरह से मारने और बेहोश करने के यह सभी तरीके गैरकानूनी हैं। Dr Warwick के अनुसार, ऐसा करने से सरीसृप बहुत जल्द अपनी समान्य अवस्था में वापिस लौट आते हैं और इसका कोई आधिकारिक सबूत नहीं है कि इस प्रकार के बिज़ली के झटकों से इन जानवरों के तनाव या पीड़ा में कोई कमी आती है।

PETA एशिया की जांच फुटेज में साफ दिखाई देता है की जब यह कर्मी इस साँक के शरीर से उसकी खाल उधेड़ रहा है और उसकी आँतें निकाल रहा है उस समय साँप की पूंछ हिल रही थी जिसका तात्पर्य है की वह जीव जिंदा है और उस पीड़ा को महसूस कर रहा है। जांचकर्ता ने देखा की कोई भी कर्मी साँपो की खाल उतारने या उनके अंगों को काटने से पहले इस बात की जांच नहीं कर रहा है की वह जीव होश में है या पूरी तरह बेहोश है।

 “इस तरह से मौत के घाट उतारने के दौरान सांप बेसुध अवस्था में दिखाई देते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उन्हें दर्द का एहसास नहीं हो रहा। शरीर में हवा भरने से भयावह आंतरिक दबाव के कारण सांप के पूरे शरीर में गंभीर दर्द होता है जिसके परिणामस्वरूप उसके दिल, परिसंचरण और आंतरिक तंत्र पर गंभीर तनाव पड़ता है। ”

– Dr Clifford Warwick, PGDip (MedSci), PhD, CBiol, CSci, EurProBiol, FRSB

PETA इंडिया के साथियों द्वारा बताए जाने के बावजूद, Louis Vuitton और अन्य ब्रांड पैसा कमाने के लिए साँपो पर क्रूरता कर रहे हैं व उनकी चमड़ी के व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं।

साँपों को गंदे पिंजरों में कैद रखा जाता हैं

हरे-भरे जंगलों, दलदलों ज़मीनों एवं प्राकृतिक परिवेश में रहने वाले इन सांपों को बंदी बनाकर गंदे व तंग पिंजरों में कैद कर दिया जाता है जहां वह अपने शरीर को पूरी तरह से खोल तक नहीं पाते और गोल गोल सिकुड़ कर पड़े रहते हैं। इस प्रकार के तंग पिंजरों में भोजन पानी, संवर्धन, छिपने के स्थान, या स्नान करने जैसी कोई सुविधा मौजूद नहीं रहती। साँपों को इस प्रकार के वातावरण में कैद करके रखना इन बूचड़खानों के लिए साधारण बात है।

“तार के पिंजरे सांपों के लिए सामान्य रूप से समस्याएँ पैदा करते हैं, और इनसें बचने के प्रयास के दौरान कई बार साँपों की थूथनी (नाक के आगे उभरा हुआ भाग) में धारदार तारों के कारण कई गंभीर चोटें भी आती हैं”

Dr Clifford Warwick, PGDip(MedSci), PhD,CBiol, CSci,EurProBiol, FRSB

वर्तमान वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को सिखाया कि किस प्रकार से बीमार और तनावग्रस्त जानवरों को एक साथ किसी तंग जगह में ठूसने के कारण कई जानलेवा बीमारियां पनप सकती हैं। PETA एशिया के एक जांचकर्ता को जानकारी दी गयी कि वियतनाम के कई बंदी साँपों को घुन हैं। जब इस समस्या के समाधान संबंधी प्रश्न किया गया तो कर्मी ने उत्तर दिया कि, “इसका उपचार करने की क्या ज़रूरत है? हम वैसे भी उनकी चमड़ी उधेड़ देते हैं”

 

मगरमच्छों के शरीर में लोहे के नुकीले हथियारों को घोंपा जाता है और उनकी चमड़ी उधेड़ ली जाती है।

PETA एशिया के जांचकर्ता को कई ऐसे वीडियो साक्ष्य मिले जिनमें बड़ी संख्या में मगरमच्छों के मुंह पर थैलियों को बांधा गया था जिससे वह हिल न सकें। एक कर्मी क्रूरतापूर्ण ढंग से उन पर अपने पूरे वज़न के साथ चढ़कर उन्हें गाड़ी की बैटरी से बिज़ली के करंट दे रहा था। यह सरीसृप बिजली के इन झटकों पर अन्य जानवरों की तरह प्रतिक्रिया नहीं करते और इस तथ्य को साबित नहीं किया जा सका है कि मारे जाने से पहले वह इन झटकों के कारण बेहोश हुए भी दे या नहीं।

इसके बाद कर्मियों ने मगरमच्छों के शरीर में लोहे के नुकीले ब्लेड घोंपे जिसे “nape stab” विधि भी कहा जाता है। Dr. Warwick के अनुसार यह विधि जानवरों को सीधी तरह से नहीं मारती बल्कि कर्मियों द्वारा इनकी रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया जाता है, यह बहुत ज्यादा दर्दनाक होता है इससे जानवर का शरीर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है, उसे लकवा मार जाता है लेकिन उसकी मौत नहीं होती। इस विधि की वैज्ञानिक जांच में सामने आया कि इसके आधे से एक घंटे बाद भी जानवर जिंदा एवं सजग रहते हैं। इसका सीधा मतलब है कि इस वीडियो में दिखाए गए मगरमच्छों के शरीर में जब जबरन हवा का दबाव बनाया जा रहा था और उनकी चमड़ी को छीला जा रहा था तो वह जिंदा थे। उनकी चमड़ी पाने के लिए इन जीवों की हत्या का यह ढंग  वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस सहित पूरे एशिया में बहुत आम है।

 

 

“मुझे इस बात का पूरा यकीन है कि इन जानवरों को तनावपूर्ण वातावरण, दर्दनाक व्यवहार और घोर अमानवीय मौत का सामना करना पड़ा।“

—Dr. Clifford Warwick, PGDip (MedSci), Ph.D., C.Biol., C.Sci., EurProBiol, FRSB

भीड़ भरे, सीमेंट के पक्के बाड़े

PETA एशिया के जांचकर्ता ने चार अन्य एशियन फ़ार्मों की जांच में यह भी पाया कि बंदी बनाए गए मगरमच्छों को सीमेंट से बने तंग बाड़ों में कैद रखा जाता है जो गंदे पानी से भरे होते है। इस तंग वातावरण के कारण जानवरों में आक्रामकता भी बढ़ सकती है जिसके कारण चोटें लगने  से उनमे कई ख़तरनाक संक्रामक बीमारिया फैल सकती हैं। Dr . Warwick के अनुसार, “मगरमच्छों को रखने की ज़्यादातर स्थान गंदे एवं बदबूदार थे, और इनसें जानवरों या मनुष्यों के द्वारा किसी ख़तरनाक बीमारी के फैलने का बड़ा ख़तरा था। लेकिन मैंने लगभग हर मगरमच्छ फार्म पर यही गंदी परिस्थितियाँ देखी हैं और यह उनके लिए सामान्य बात है।

आप भी चमड़े के लिए शोषण सह रहे जानवरों की सहायता कर सकते हैं!

PETA इंडिया और इसके अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों ने साँपों और अन्य जानवरों को उनकी चमड़ी हुए मारने के कई अन्य क्रूरतापूर्ण तरीकों का खुलासा किया है। साँपों को अक्सर पेड़ों पर कीलों से ठोका जाता है, उनके सर को शरीर से काट कर अलग किया जाता है और उनके सचेत अवस्था में रहते ही उनके शरीर से उनकी खाल नोच ली जाती है। कर्मी मगरमच्छों के मुंह के ऊपर छिपकली रखकर और उनके शरीर में लोहे का डंडा घुसाकर उन्हें मौत के घाट उतारते हैं और हथियारों का प्रयोग करके उनकी हड्डियों को तोड़ते हैं।

कृपया इस पीड़ा का समर्थन न करें। जानवरों की खाल से बने बैग, बेल्ट, या अन्य सामान न खरीदें। आज बहुत सारे मानवीय, पर्यावरण के अनुकूल, वीगन विकल्प उपलब्ध हैं इसलिए विदेशी खाल को पहनने या बेचने का कोई उचित कारण नहीं है।

 

Louis Vuitton से जानवरों के चमड़े का त्याग करने का अनुरोध करें

चाहे कोई भी कंपनी कितने भी “मानक” निर्धारित कर लें या इन उत्पादों का उत्पादन किसी भी देश में किया गया हो लेकिन विदेशी चमड़ा उद्योग में जानवरों के साथ होने वाला शोषण हर प्रकार से सुनिश्चित है। इन चमड़ा उत्पादों का स्रोत ढूँढना लगभग असंभव है जिससे जानवरों के हत्यारों का पता लगाया जा सके। PETA US के वियतनाम के मगरमच्छ फार्मों से संबंधित वीडियो खुलासे में सामने आया कि LVMH (Louis Vuitton की मूल कंपनी) को चमड़े की आपूर्ति करने वाले फार्मों में हजारों सरीसृप कंक्रीट के ऐसे तंग बाड़ों में ज़मीन पर पूर्ण रूप से गतिविधि हीन अवस्था में पड़े हुए हैं जिनका आकार उनके स्वयं के शरीर से भी बहुत छोटा है। PETA US को शुतुरमुर्गों का भी वीडियो मिला जिन्हें LVMH द्वारा गड्ढे वाले चमड़े से बने पर्स के निर्माण हेतु प्रयोग किया जाता है। इस वीडियो में सामने आए की इन जानवरों को बेहद गंदी जगहों पर कैद रखा जाता है और फिर बूचड़खानों में ले जाकर जबरन तरीके से उल्टा लटकाया जाता हैं और अन्य सभी डरे हुए जानवरों के सामने हर एक को बिज़ली के झटके दिये जाते हैं और उनके गले को रेत दिया जाता हैं।

Louis Vuitton द्वारा बेचा जाने वाला जानवरों के चमड़े से निर्मित हर सामान एक ऐसे संवेदनशील जानवर की दर्दनाक हत्या का प्रतिनिधित्व करता है जो अपना जीवन शांत ढंग से व्यतीत करना चाहता था। कृपया PETA इंडिया के साथ मिलकर LVMH से Louis Vuitton और अपने अन्य सभी ब्रांडों के अंतर्गत विदेशी चमड़ी से बने उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करें।

लक्ष्य +
  • Delphine Arnault
  • Hélène Valade
बोल्ड लैटर में लिखे स्थानों को भरना अनिवार्य है।
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