PETA-यूएस द्वारा द आर्ट ऑफ शेविंग के मालिक ‘प्रॉक्टर एंड गैंबल’ के साथ वीडियो फुटेज साझा किया। जिसके बाद उन्होंने बिज्जू के बालों की खरीद पर रोक लगाते हुए बिज्जू के बालों से निर्मित शेविंग ब्रश की बिक्री को समाप्त करने का बेहतरीन निर्णय लिया है लेकिन कई अन्य कंपनियां अभी भी बिज्जू के बालों से निर्मित ब्रश बेचती हैं। कृपया, इन जानवरों की मदद करें।

छोटे पिंजरों में कैद करके रखने

PETA-एशिया की टीम ने चीन में कई बिज्जू फार्मों का दौरा किया, यह वो फार्म हाऊस हैं जो अन्य देशों को बिज्जू के बालों से निर्मित ब्रश का निर्यात करते हैं। उन्होंने हर फार्म पर बिज्जूओं की दर्द भरी परिस्थितियों से जुड़े साक्ष्य इकट्ठा किए। बिज्जू तारों से बने तंग पिंजरों में कैद किए गए थे और वो गंभीर चोटों से पीड़ित थे। एक बिज्जू के पैर को उसके पास वाले पिंजरे में बंद दूसरे बिज्जू ने चबा लिया था।

बिज्जू बेहद सामाजिक जीव हैं, जो अपने सामान्य जीवन में ज़मीनों में बिल बनाकर रहते हैं जिन्हें सेट कहा जाता है। कुछ सेट सदियों पुराने हैं और एक ही बिज्जू कबीले की कई पीढ़ियों द्वारा बनाए थे। इन कड़क मिजाजी जीवों के सोने और जन्म देने के लिए अलग-अलग कमरे होते हैं, साथ ही साथ ये जीव सेट के बाहर “बाथरूम” की जगह भी बनाते हैं।

लेकिन बिज्जू फार्मों पर इनको बिल खोदने, भोजन के लिए चारे चुनना हो या फिर सबगी साथी चुनने की आज़ादी नहीं होती वह बस तंग पिंजरों में कैदी के रूप में रहते हैं। इस तनाव भरे जीवन के कारण कई मानसिक तौर पर अस्वस्थ हो जाते हैं और अपने बंद पिंजरों में आगे-पीछे लगातार घूमते हैं।

सिर पर चोट मारकर खून बहने के लिए छोड़ दिए जाते है-

उन्हें मारने के लिए, श्रमिक धातु की वस्तु से बिज्जूओं के सिर पर वार कर उनको धराशायी कर देते हैं। मौत के डर से डरा होने के कारण एक बिज्जू जब अपने पिंजरे से बाहर नहीं निकल रहा था तो श्रमिक ने उसे जबरन बाहर खींच कर कुर्सी की टांग से सिर फोड़ दिया गया। श्रमिकों ने उसे बेदर्दी से मार मार कर गीले फर्श पर ढ़ेर कर दिया। फिर उन्होंने उसका गला काट दिया और उससे पहले मारे गए दूसरे बिज्जूओं की तरह ही उसे भी असहनीय पीड़ा के साथ उसका खून बहने के लिए एक कोने में फेंक दिया।

एक बिज्जू तो गला काटने के बाद कई देर तक फड़फड़ाता रहा।

गैरकानूनी शिकार

ब्रश बनाने के लिए मारे जाने वाले कई बिज्जूओं को पकड़ने के लिए गैरकानूनी तरीके अपनाए जाते हैं जैसे फंदा बनाकर उनका शिकार करना जबकि वे एक संरक्षित प्रजाति हैं।

जब PETA-एशिया के टीम ने एक फार्म पर पूछा की वो लोग इन बिज्जुओं को कहाँ से लाते हैं तो कंपनी के प्रतिनिधियों ने टीम को बताया की “कभी-कभी विदेशी पूछते हैं कि क्या ये बाल बंदी या जंगली जानवरों के हैं और क्या वो संरक्षित प्रजाति के है तो उन्हें बता सकते हैं कि अधिकांश बाल बंदी बिज्जूओं के हैं, लेकिन असलियत में ये बिज्जू जंगलों से शिकार करके लाए जाते हैं।”

क्या आपकी मेकअप या शेविंग किट का क्रूरता से निकाले गए बालों से निर्मित है ?

यदि आप पशु के बालों से निर्मित ब्रश खरीदते हैं, तो यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि उनके लिए कौन मारा गया था। इनमें से कई ब्रश विकासशील देशों में बनाए जाते हैं जहां पशु कल्याण से संबन्धित कुछ थोड़े बहुत नियम होते हैं या फिर बिलकुल भी नहीं जैसे की चीन।

आप इसे रोकने में मदद कर सकते हैं!

इस दौर में पशुओं के बाल से बने ब्रश उपयोग करने का कोई मतलब नहीं बनता, खासकर जब इतने उच्च गुणवत्ता वाले सिंथेटिक ब्रश उपलब्ध हैं। इन फार्मों पर पीड़ित बिज्जूओं की पीड़ाओं को ध्यान में रखते हुए, कृपया केवल सिंथेटिक ब्रश खरीदें।

कृप्या जीबीएस (जेंट्स सैलून और स्पा) और डिक ब्लिक आर्ट मटिरियल से बिज्जू के बालों से बनी ब्रशों की जगह क्रूरता मुक्त सिंथेटिक ब्रशों का इस्तेमाल करने का आग्रह करें।

ब्रश बनाने का खूनी खेल: PETA एशिया ने किया बिज्जू (ग्रे एवं काले बालों वाला एक पशु) फार्मों में होने वाली दर्दनाक क्रूरता का पर्दाफाश

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  • Bob Buchsbaum
बोल्ड लैटर में लिखे स्थानों को भरना अनिवार्य है।
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